केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने मुंबई में ‘अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष 2025’ के अवसर पर आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी को संबोधित किया। इस मौके पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय राज्य मंत्री (सहकारिता) मुरलीधर मोहोळ, और अनेक अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
अमित शाह ने कहा कि सहकारिता एक आर्थिक तंत्र तो है, लेकिन भारत के लिए यह जीवन जीने का परंपरागत दर्शन है। एक साथ रहना, एक साथ सोचना, एक साथ कार्य करना और दुःख-सुख में साथ देना – यह सब भारतीय सहकारिता की आत्मा है। उन्होंने कहा कि 125 वर्षों से भी अधिक पुराना सहकारी आंदोलन किसानों, गरीबों, ग्रामीण नागरिकों और विशेष रूप से महिलाओं का सहारा बना हुआ है।
शाह ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों को सशक्त बनाने और उनके लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करने हेतु केंद्र में सहकारिता मंत्रालय की स्थापना की है। उन्होंने कहा कि यह मंत्रालय सहकारिता को हर राज्य, ज़िले, तहसील और गांव तक मजबूत करने के लिए लगातार काम कर रहा है।
इस अवसर पर NAFED के नए उत्पादों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) को अनुदान, और नई प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) के साथ गोदाम निर्माण के अनुबंधों को औपचारिक रूप दिया गया। श्री शाह ने कहा कि NAFED ऐप पर पंजीकरण करने वाले किसानों से दाल और मक्का की MSP पर 100% खरीद की जाएगी। अगर बाजार भाव ज्यादा हो, तो किसान बाजार में बेचकर अधिक लाभ भी ले सकते हैं।
उन्होंने बताया कि पहले जहां PACS सिर्फ लघु अवधि कृषि ऋण तक सीमित थीं, अब उन्हें 24 प्रकार की गतिविधियों की अनुमति दी गई है, जिनमें जन औषधि केंद्र, पेट्रोल पंप, गैस वितरण, रेल-हवाई टिकट बुकिंग, जल आपूर्ति, और टैक्सी सेवाएं तक शामिल हैं। अब PACS 300 योजनाओं के केंद्र बन गए हैं और 52,000 से अधिक PACS का कम्प्यूटरीकरण किया जा चुका है।
शाह ने कहा कि जल्द ही सहकारी मॉडल पर आधारित टैक्सी सेवा शुरू की जाएगी, जहां टैक्सी चालक ही मालिक होंगे, और मुनाफा सीधे उनके खाते में जाएगा। साथ ही, पूरी तरह से सहकारी स्वामित्व वाली बीमा कंपनी की स्थापना की भी घोषणा की गई।
उन्होंने बताया कि सहकारिता के माध्यम से गांवों में गरीबों, महिलाओं और युवाओं को रोजगार देने का एक सशक्त माध्यम तैयार हो रहा है। कम पूंजी में अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ना ही इसका मूल मंत्र है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत केवल GDP से मजबूत नहीं बन सकता, बल्कि हर नागरिक को रोजगार और आत्मनिर्भरता मिले, यही असली विकास है।
पिछले तीन वर्षों में सरकार ने नेशनल कोऑपरेटिव एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (NCEL), नेशनल को ऑपरेटिव ऑर्गेनिक्स लिमिटेड (NCOL) और भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (BBSSL) की स्थापना की है। ये संस्थाएं किसानों के उत्पाद को घरेलू और वैश्विक बाजारों में बेचेंगी और लाभ सीधे किसानों के खातों में जाएगा।
शाह ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना है कि अंतरराष्ट्रीय सहकारी वर्ष 2025 को देशभर में सहकारिता के सशक्तिकरण के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष बनाया जाए, जिससे हर गांव और हर नागरिक को इसका लाभ मिले।