भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान की समीक्षा बैठक में बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि अब मध्य प्रदेश में बागवानी को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ बनाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि फलदार और छायादार पौधों के रोपण को प्राथमिकता दी जाए और किसानों तथा आम लोगों को इन पौधों के लिए प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि पौधों की खरीद से लोगों पर आर्थिक बोझ न पड़े, इसके लिए सभी पौधे उद्यानिकी विभाग द्वारा मुफ्त उपलब्ध कराए जाएंगे। उनका कहना था कि यह पहल न केवल पर्यावरण सुरक्षा की दिशा में अहम कदम है, बल्कि यह ग्रामीणों के लिए आजीविका का मजबूत जरिया भी बनेगी।
21 लाख पौधों का लक्ष्य, अब तक 9.34 लाख पौधे लगाए
राज्य सरकार ने जानकारी दी कि इस साल 4862 हेक्टेयर क्षेत्र में कुल 21 लाख फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें आम, अमरूद, नींबू और संतरा जैसे पौधे शामिल हैं। अब तक 9.34 लाख पौधे खेतों, जलाशयों और नदियों के किनारे लगाए जा चुके हैं।
‘एक बगिया मां के नाम’: महिलाएं बनेंगी बदलाव की वाहक
15 अगस्त से राज्य में शुरू होने वाले 'एक बगिया मां के नाम' अभियान के जरिए महिला स्व-सहायता समूहों को बागवानी कार्य से जोड़ा जाएगा। इन समूहों को तीन वर्षों तक वित्तीय सहायता दी जाएगी, साथ ही पौधों की देखरेख की जिम्मेदारी भी इन्हीं को सौंपी जाएगी। इससे महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम उठेगा।
शिक्षण संस्थानों में भी बढ़ी हरियाली की लहर
स्कूल शिक्षा विभाग रोजाना करीब 50,000 पौधे लगवा रहा है और अब तक 5.37 लाख से ज्यादा पौधे स्कूल परिसरों और आसपास लगाए जा चुके हैं। उच्च शिक्षा विभाग ने भी प्रदेशभर के कॉलेज परिसरों में 1 लाख से अधिक पौधों का रोपण किया है।
'मेरी लाइफ' पोर्टल से हर पौधे की निगरानी
सरकार ने तकनीक की मदद से भी अभियान को मजबूत किया है। 'मेरी लाइफ' पोर्टल के माध्यम से हर लगाए गए पौधे का फोटो, स्थान और जिम्मेदार व्यक्ति का विवरण दर्ज किया जा रहा है। वन विभाग भी अब तक 5.38 करोड़ पौधे लगाकर इस अभियान को मिशन मोड में आगे बढ़ा रहा है।
"पौधरोपण नहीं, हरित आजीविका की शुरुआत है ये अभियान" — मुख्यमंत्री
सीएम मोहन यादव ने कहा, "यह अभियान सिर्फ पौधे लगाने तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि पौधों के फलदार होने और जीवित रहने तक की जिम्मेदारी तय की जाए।" उन्होंने इसे ग्रामीण आय में वृद्धि और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने वाला कदम बताया।
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम पर्यावरणीय संरक्षण के साथ-साथ आर्थिक समृद्धि की दिशा में एक दोहरा प्रहार है। 'एक बगिया मां के नाम' और बागवानी अभियान न केवल हरियाली बढ़ाएंगे, बल्कि गांवों की आय और आत्मनिर्भरता में भी बड़ी भूमिका निभाएंगे।