योग पोर्टल पर पंजीकरण 50,000 के पार, जानिए क्या है प्रक्रिया
11 Jun, 2025 11:49 AM
भारत की प्राचीन योग परंपरा को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है। आगामी 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2025) के लिए शुरू किए गए '
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Emran Khan, समाचार, [11 Jun, 2025 11:49 AM]
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भारत की प्राचीन योग परंपरा को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाने की दिशा में एक और ऐतिहासिक उपलब्धि जुड़ गई है। आगामी 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (21 जून 2025) के लिए शुरू किए गए 'योग संगम' पोर्टल पर अब तक 50,000 से अधिक संस्थाओं ने पंजीकरण कर लिया है। यह सामूहिक सहभागिता भारत में योग और समग्र स्वास्थ्य चेतना के प्रति बढ़ते उत्साह का प्रतीक है। इस वर्ष 21 जून को प्रातः 6:30 बजे से 7:45 बजे तक देशभर में एक साथ योग सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इसमें भाग लेने के लिए संस्थाएं और समूह आगे बढ़कर पंजीकरण करा रहे हैं।
राजस्थान सबसे आगे, तेलंगाना और मध्य प्रदेश का भी उत्साहपूर्ण योगदान राजस्थान ने योग संगम में सबसे अधिक भागीदारी दर्ज करते हुए 11,000 से अधिक पंजीकरण के साथ शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। इसके बाद तेलंगाना में 7,000+ पंजीकरण, और मध्य प्रदेश में लगभग 5,000 पंजीकरण हुए हैं। यह स्पष्ट संकेत है कि देशभर में योग को लेकर जनसामान्य और संस्थानों में गहरी रुचि है।
थीम: "योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ" इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” न केवल भारत की परंपरा का सम्मान करती है, बल्कि वैश्विक स्तर पर शांति, स्वास्थ्य और एकता का संदेश भी देती है। प्रतिष्ठित संस्थान जैसे आईआईटी, आईआईएम, केंद्रीय विश्वविद्यालय, निजी संस्थाएं और कॉर्पोरेट जगत के प्रतिनिधि भी इस आयोजन में बढ़-चढ़कर भाग ले रहे हैं।
योग संगम में भाग कैसे लें: 1. वेबसाइट पर जाएं: https://yoga.ayush.gov.in/yoga-sangam 2. अपने समूह या संस्था का पंजीकरण करें 3. 21 जून 2025 को सुबह 6:30 बजे से 7:45 बजे तक योग सत्र आयोजित करें 4. कार्यक्रम के बाद भागीदारी का विवरण अपलोड करें और सरकारी प्रमाण पत्र प्राप्त करें
देशभर में एक लाख से अधिक स्थानों पर आयोजन की तैयारी आयुष मंत्रालय द्वारा संचालित इस कार्यक्रम का उद्देश्य योग को जन-जन तक पहुंचाना है। इस विकेन्द्रित मॉडल ने पिछले वर्षों में अपार सफलता प्राप्त की थी और इस वर्ष यह और व्यापक रूप में सामने आ रहा है।मंत्रालय ने सभी नागरिकों, संस्थानों, स्कूलों, कॉलेजों और समुदायों से अपील की है कि वे इस वैश्विक योग उत्सव का हिस्सा बनें और भारत की शाश्वत योग परंपरा को आगे बढ़ाएं।