भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का महत्वपूर्ण स्थान है। देश की बड़ी आबादी आज भी कृषि पर निर्भर है। इस क्षेत्र को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 (Vikasit Krishi Sankalp Abhiyan 2025) कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, इस अभियान का उद्देश्य गांव-गांव तक वैज्ञानिकों को भेजकर “लैब टू लैड” विजन के तहत खरीफ फसल प्रबंधन, आधुनिक कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी सीधे किसानों तक पहुँचाना है और आधुनिक कृषि तकनीकों, उन्नत बीजों, मृदा परीक्षण, जैविक खेती, फसल बीमा, और सरकारी योजनाओं के बारे में जागरूक करना है। यह अभियान 29 मई 2025 को उत्तर प्रदेश से शुरू हुआ और 12 जून 2025 तक जारी रहेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विकसित कृषि संकल्प अभियान (VKSA) के शुभारंभ अवसर पर कहा कि, "यह अभियान भारत के करोड़ों किसानों के लिए प्रगति के नए रास्ते खोलेगा और कृषि के क्षेत्र में आधुनिक तकनीक, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और टिकाऊ समाधान को बढ़ावा देगा।" उन्होंने यह भी कहा कि यह पहल सिर्फ एक सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक जन-आंदोलन है, जिसका उद्देश्य 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाना है, जिसमें कृषि क्षेत्र की मजबूती एक प्रमुख स्तंभ होगी।
श्री शिवराज सिंह चौहान , कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री, भारत सरकार ने कहा कि “उनका जीवन किसानों की सेवा, कृषि उत्पादन को बढ़ावा देने, उत्पादन लागत को कम करने, खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने, राष्ट्र के खाद्य भंडार को भरने तथा भावी पीढ़ियों के कृषि हितों की रक्षा के लिए समर्पित है।" उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उर्वरकों का संतुलित उपयोग, स्थानीय परिस्थितियों को समझना, सटीक अनुसंधान अंतर्दृष्टि का उपयोग करना तथा गुणवत्ता वाले बीजों तक पहुंच, निस्संदेह किसानों को उनकी उत्पादकता बढ़ाने में मदद कर सकती है।
सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए श्री चौहान ने कहा कि यह अभियान वैज्ञानिकों, विभागीय अधिकारियों और किसानों को जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो लंबे समय से संभव नहीं हो पाया है। उन्होंने आगे कहा कि, "खेती दिल और भावना का मामला है और इसे जीना चाहिए।“
इस अभियान के मुख्य उद्देश्य हैं:
1. वैज्ञानिकों और किसानों के बीच संवाद
देशभर में 16,000 से अधिक वैज्ञानिकों को 65,000 गांवों में भेजा गया है, वैज्ञानिकों और किसानों के बीच संवाद कृषि क्षेत्र में सफलता और नवाचार का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। इस संवाद के माध्यम से किसानों को नई तकनीकों, बेहतर बीजों, मिट्टी स्वास्थ्य, जल प्रबंधन और रोग नियंत्रण के बारे में जानकारी मिलती है, जो उनकी उत्पादकता और आय को बढ़ाने में सहायक होती है। वैज्ञानिकों को भी किसानों की वास्तविक समस्याएं और स्थानीय कृषि परिस्थितियों की समझ मिलती है, जिससे वे अपनी शोध और सुझाव अधिक प्रभावी और उपयोगी बना पाते हैं। यह एक पारस्परिक सहयोग का माध्यम है जो ग्रामीण विकास और सतत कृषि को प्रोत्साहित करता है। ऐसे संवाद से किसानों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का प्रसार होता है और वे अधिक जागरूक होकर आधुनिक कृषि पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रेरित होते हैं।
2. कृषि रथ और जागरूकता कार्यक्रम
अभियान के तहत "कृषि रथ" गांव-गांव जाकर किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, बीज, उर्वरक और कीटनाशक की जानकारी देते हैं। यह कार्यक्रम किसानों तक सरकारी योजनाओं और बेहतर खेती के तरीकों को पहुंचाता है। कृषि विशेषज्ञ किसानों से संवाद कर उनकी समस्याएं सुनते हैं और समाधान प्रदान करते हैं। इससे किसान अपनी पैदावार और आय बढ़ा सकते हैं।
3. बीज मिनी किट्स का वितरण
उत्तर प्रदेश में 4.58 लाख मुफ्त बीज मिनी किट्स का वितरण किया जा रहा है, जिससे किसानों को खरीफ फसलों की समय पर बुवाई में मदद मिलेगी । अभियान के तहत किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिनी किट्स वितरित किए जाते हैं, जो उनकी फसल की उपज बढ़ाने में सहायक होते हैं। ये किट्स किसानों को नई तकनीकों से परिचित कराते हैं और बेहतर खेती को प्रोत्साहित करते हैं। बीज मिनी किट्स के वितरण से कृषि उत्पादन और किसान की आय दोनों में सुधार होता है।
4. प्राकृतिक और सतत कृषि का प्रोत्साहन
छत्तीसगढ़ में ICAR-NIBSM ने 4,100 किसानों को प्राकृतिक खेती, जैविक उर्वरकों और कीटनाशकों के सही उपयोग के बारे में प्रशिक्षण दिया है। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य किसानों को पर्यावरण के अनुकूल खेती के तरीकों से अवगत कराना और रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों के प्रभावों को कम करना है। इससे किसानों की फसल की गुणवत्ता बेहतर होगी और वे स्वास्थ्यकर उत्पादन कर सकेंगे।
सरकारी योजनाओं का समावेश कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को वित्तीय सहायता, बीमा, बेहतर बीज, तकनीकी प्रशिक्षण और मार्केटिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं। जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, और पीएम-किसान सम्मान निधि से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। योजनाओं का समावेश किसानों को आधुनिक कृषि पद्धतियां अपनाने और सतत कृषि की ओर बढ़ने में मदद करता है, जिससे उनकी उत्पादकता और आय में सुधार होता है। यह समग्र विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार करता है।
हालांकि अभियान की सफलता उल्लेखनीय है, लेकिन कुछ चुनौतियाँ भी सामने आई हैं:
इन चुनौतियों से निपटने के लिए सरकार ने स्थानीय भाषाओं में प्रशिक्षण सामग्री तैयार की है और किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए विशेषज्ञों की टीमों का गठन किया है।
विकसित कृषि संकल्प अभियान 2025 भारत के किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें आधुनिक तकनीकों, सरकारी योजनाओं और वैज्ञानिक सलाह से जोड़ता है। इस अभियान के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि, कृषि उत्पादन में सुधार और सतत कृषि को बढ़ावा देने का लक्ष्य है। यदि यह अभियान सफल होता है, तो यह भारत को "विकसित भारत" की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
1. विकसित कृषि संकल्प अभियान क्या है?
उत्तर: विकसित कृषि संकल्प अभियान भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक अभियान है, जिसका उद्देश्य किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों और सरकारी योजनाओं की जानकारी देना है।
2. यह अभियान कब शुरू हुआ?
उत्तर: यह अभियान वर्ष 2025 में शुरू हुआ और 12 जून 2025 तक चलेगा।
3. इस अभियान की शुरुआत कहां से हुई?
उत्तर: इस अभियान की शुरुआत उत्तर प्रदेश से की गई।
4. इस अभियान का उद्देश्य क्या है?
उत्तर: इसका उद्देश्य किसानों को सशक्त बनाना, कृषि उत्पादन बढ़ाना और टिकाऊ खेती को बढ़ावा देना है।
5. अभियान के तहत कौन-कौन सी गतिविधियां हो रही हैं?
उत्तर: इसमें कृषि रथ, प्रशिक्षण कार्यक्रम, वैज्ञानिकों से संवाद, बीज मिनी किट्स का वितरण, और सरकारी योजनाओं की जानकारी शामिल है।
6. किसानों को इससे क्या लाभ मिलेगा?
उत्तर: किसानों को नई तकनीकों, जैविक खेती, जल संरक्षण और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
7. किन राज्यों में यह अभियान चलाया जा रहा है?
उत्तर: यह अभियान देशभर के सभी राज्यों और 700 से अधिक जिलों में चलाया जा रहा है।
8. कौन-कौन सी संस्थाएं इसमें भाग ले रही हैं?
उत्तर: ICAR, कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), और राज्य सरकारों के कृषि विभाग इसमें सक्रिय रूप से भाग ले रहे हैं।
9. क्या इसमें वैज्ञानिकों की भी भूमिका है?
उत्तर: हाँ, लगभग 2,000 वैज्ञानिक इस अभियान के तहत किसानों से सीधे जुड़ रहे हैं और उन्हें मार्गदर्शन दे रहे हैं।
10. इस अभियान से किसे सबसे ज़्यादा लाभ होगा?
उत्तर: इसका सबसे बड़ा लाभ छोटे और मझोले किसानों को होगा जो तकनीकी और वित्तीय सहायता की सबसे अधिक आवश्यकता रखते हैं।