भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर गए अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला द्वारा किए गए अंतरिक्ष प्रयोगों को ‘विश्वबंधु भारत’ की भावना का प्रतीक बताते हुए केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि ये प्रयोग न केवल भारत के लिए, बल्कि सम्पूर्ण मानवता के कल्याण के लिए हैं।
लोकसभा में “विकसित भारत 2047 के लिए अंतरिक्ष कार्यक्रम की महत्वपूर्ण भूमिका” विषय पर विशेष चर्चा की शुरुआत करते हुए मंत्री ने कहा कि यह मिशन भारत की सस्ती, सशक्त और स्वदेशी अंतरिक्ष तकनीक, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और स्टार्टअप नवाचार की शक्ति का सशक्त प्रमाण है।
डॉ. सिंह ने कहा, "2047 से पहले चंद्रमा की सतह से एक युवा भारतीय यह घोषणा करेगा कि ‘विकसित भारत’ का सपना अब साकार हो चुका है।"
उन्होंने यह भी कहा कि यह मिशन केवल एक व्यक्ति की सफलता नहीं है, बल्कि यह भारत की वैश्विक भूमिका और हर उस बच्चे के सपनों का प्रतिनिधित्व करता है जो सितारों तक पहुंचना चाहता है।