ने 9 अप्रैल 2025 को स्वीकृति दी थी। यह योजना किसानों को सुनिश्चित सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने, जल उपयोग की दक्षता बढ़ाने और जल उपभोक्ता समितियों (WUS) के माध्यम से भागीदारी आधारित जल प्रबंधन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
योजना के पायलट चरण में लगभग 75,000 हेक्टेयर कृषि भूमि को अंडरग्राउंड पाइपलाइन सिंचाई प्रणाली (PPIN) से जोड़े जाने की योजना है। इसके लिए कुल ₹1600 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें से ₹1100 करोड़ केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित किया जाएगा। यह योजना मार्च 2026 तक क्रियान्वित की जाएगी। हालांकि अब तक इसके तहत कोई धनराशि जारी नहीं की गई है।
इस योजना से लगभग 80,000 किसान प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे, जबकि लगभग 4 लाख किसान अप्रत्यक्ष रूप से लाभ प्राप्त करेंगे।