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Shatawari Cultivation: सतावर की खेती कर किसान हुए मालामाल

02 Mar, 2022 05:04 PM

 इसके अलावा खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। पानी कम होने से फसल के खराब होने की संभावना बनी रहती हैं।

FasalKranti
समाचार, [02 Mar, 2022 05:04 PM]

भारत में कृषि क्षेत्र (AGRICULTURE) में किसान नई नई तकनीकों के साथ मुनाफा कमाने के लिए काम कर रहा है। किसान भी हर क्षेत्र की तरह कृषि क्षेत्र में बदलाव हो रहे हैं। पहले के किसान बस खाने वाली उपज पर निर्भर रहते थे, लेकिन आज का किसान अपनी ज्ञान को बढ़ाकर नई फसलों को उगा रहा हैं। यही वजह है कि देश में पिछले कुछ सालों में औषधीय पौधों (AYURVEDIC HERB) की खेती की तरफ किसानों का ध्यान तेजी से बढ़ा है। किसानों को औषधीय खेती से मुनाफा कई गुना हो रहा है। बता दें, कुछ ऐसे औषधीय पौधे हैं, जिनकी खेती से किसानों को एक एकड़ में 6 लाख रुपए तक की कमाई हो रही है। इसी तरह का एक पौधा है सतावर।

सतावरी (SHATAWARI) का ऐसे तो नाम एस्पैरागस रेसमोसस है। लेकिन इसे कई नामों से जाना जाता हैं। यह एक भारतीय जड़ी-बूटी है, जो आमतौर पर हिमालय पर पाई जाती है। इसकी ऊंचाई 1-2 मीटर होती है। आयुर्वेद में इसे रसायन या होल बॉडी टॉनिक कहा जाता है। सतावर के पौधे के पत्तियों का ज्यादातर उपयोग आयुर्वेदिक दवाओं को बनाने में किया जाता है। इसके अलावा बता दें कि इस पौधे में कीट पतंग नहीं लगते हैं। कांटेदार पौधा होने की वजह से इसे जानवर भी इसे खाना पसंद नहीं करते।

सतावर की खेती कैसे होती है...

सतावर की खेती नर्सरी तकनीक से की जाती है। सबसे पहले खेतो को अच्छी तरह से जुताई कर लेनी चाहिए। इसके बाद नर्सरी तैयार करनी चाहिए। वैज्ञानिक इसकी खेती करने के लिए  जैविक खाद्य का उपयोग करने की सलाह देते हैं। इसके अलावा खेतों में पानी निकासी की व्यवस्था अच्छी होनी चाहिए। पानी कम होने से फसल के खराब होने की संभावना बनी रहती हैं।

इसके बाद सतावर की खेती में रोपाई के बाद तकरीबन 12 से 14 माह बाद इस पौधे के जड़ को परिपक्व होने में लगता है। एक पौधे से करीब 500 से 600 ग्राम जड़ मिल सकती हैं।  एक हेक्टेयर से औसतन 12 हजार से 14 हजार किलो ग्राम ताजी जड़ प्राप्त की जा सकती है। इसे सुखाने के बाद किसानों को 1 हजार से 1200 किलो ग्राम जड़ मिल जाती है। जिसे बाजार में बेचने पर किसानों को एक एकड़ में 5-6 लाख रुपए तक की कमाई होती है।

क्या है फायदे...

सतावर का उपयोग कई चीजों में किया जाता हैं। सबसे ज्यादा उपयोग महिला के लिए जिसमें, जिसमें दूध उत्पादन में वृद्धि करना,मेनोपॉज के लक्षणों को कम करना है। सतावर खाने के स्वाद में यह कड़वी और मीठी होती है। डॉक्टर हमेशा इसे दूध के साथ चूर्ण या फिर पाउडर के रूप में लेने की सलाह देते हैं। इस जड़ी-बूटी में पाया जाने वाला तेल इसे खाने असैर पचाने में आसान बनाता है।  

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