2013 में रिलीज हुई आनंद एल राय की सुपरहिट फिल्म 'रांझणा' आज भी दर्शकों के दिलों में जिंदा है। फिल्म की एकतरफा प्यार की कहानी ने सभी को प्रभावित किया था। हाल ही में, इसका तमिल वर्जन री-रिलीज हुआ, लेकिन इस बार फिल्म के क्लाइमैक्स को AI टेक्नोलॉजी की मदद से बदल दिया गया, जिसने निर्देशक और मुख्य अभिनेता दोनों को नाराज कर दिया है।
मूल फिल्म में धनुष का किरदार कुंदन अस्पताल में अपनी प्रेमिका जोया (स्वरा भास्कर) के हाथों मर जाता है, जिससे कहानी का दुखद अंत होता है। लेकिन, तमिल वर्जन में AI का इस्तेमाल करके क्लाइमैक्स बदल दिया गया है, जिसमें कुंदन जिंदा दिखाया गया है। इस बदलाव ने फिल्म की मूल भावना को ही बदल दिया है, जिससे आनंद एल राय और धनुष दोनों खफा हैं।
धनुष ने अपने X (ट्विटर) अकाउंट पर एक बयान जारी कर इस बदलाव पर गहरी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने लिखा, "रांझणा की री-रिलीज में AI से बदले गए क्लाइमैक्स ने मुझे पूरी तरह परेशान कर दिया है। यह नया अंत फिल्म की मूल भावना को खत्म कर देता है, और मेरे स्पष्ट मना करने के बावजूद ऐसा किया गया।"
उन्होंने आगे कहा कि AI का इस तरह का उपयोग कला और कलाकारों के लिए खतरनाक है और इस पर सख्त नियम बनाए जाने चाहिए।
फिल्म के निर्देशक आनंद एल राय ने भी इस बदलाव पर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि उनकी मर्जी के बिना फिल्म में बदलाव करना "किसी फिल्मकार के लिए सबसे बुरा सपना" है। उन्होंने लिखा, "पिछले कुछ दिन मेरे लिए बेहद अजीब और परेशान करने वाले रहे हैं। मेरी फिल्म को बिना बताए बदलकर रिलीज किया गया, जो अस्वीकार्य है।"
यह मामला AI के दुरुपयोग और कलात्मक स्वतंत्रता पर बड़ा सवाल खड़ा करता है। धनुष और आनंद एल राय दोनों चाहते हैं कि भविष्य में फिल्मों को बिना अनुमति के बदलने से रोकने के लिए कड़े नियम बनाए जाएं।
फिल्म उद्योग में AI के बढ़ते इस्तेमाल के बीच, यह घटना एक बड़ी चेतावनी है कि कला की मूल भावना को तकनीक के हाथों नहीं बदला जाना चाहिए।
रांझणा का AI-संशोधित क्लाइमैक्स न केवल फिल्म की मूल कहानी को बिगाड़ता है, बल्कि यह एक गंभीर सवाल भी उठाता है कि क्या तकनीक को कला पर हावी होने देना चाहिए? इस मामले ने पूरे फिल्म इंडस्ट्री में बहस छेड़ दी है, और अब देखना होगा कि इस तरह के बदलावों को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाते हैं।