Prayagraj became the most populated city in the world, population reached so many crores in one day!
विश्व की सर्वाधिक आबादी वाला शहर बना प्रयागराज, एक दिन में इतने करोड़ रही आबादी!
15 Jan, 2025 11:31 AM
मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज एक दिन के लिए विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बन गया.
FasalKranti
समाचार, [15 Jan, 2025 11:31 AM]
मकर संक्रांति के मौके पर प्रयागराज एक दिन के लिए विश्व का सबसे अधिक आबादी वाला शहर बन गया. माहकुंभ के प्रथम अमृत स्नान पर्व पर देश विदेश से आए लाखों श्रद्धालुओं की वजह से प्रयागराज में यह उपलब्धि दर्ज हुई. यहां आबादी 4 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई. 3.50 करोड़ लोगों ने पुण्य की डुबकी लगाई. जिले की आबादी तकरीबन 70 लाख के आसपास है, लेकिन मकर संक्रांति पर आने वाले श्रद्धालु और प्रयागराज की आबादी को जोड़ लिया जाए तो यह संख्या 4.20 करोड़ हो गई.
दिल्ली दूसरे स्थान पर दिल्ली में भी देश की काफी ज्यादा आबादी रहती है. यहां 2.93 करोड़ आबादी है, जिसके चलते दिल्ली दूनिया में दूसरे स्थान पर है. ऐसे मे 4.20 करोड़ की आबादी के साथ प्रयागराज एक दिन के लिए विश्व का सबसे बड़ा शहर बन गया. पौष पूर्णिमा पर 1.75 करोड़ ने लगाई पुण्य की डुबकी मंगलवार को प्रयागराज विश्व के कई देशों से ज्यादा आबादी वाला जिला बन गया. माहकुंभ के प्रथम स्नान पर्व पौष पूर्णिमा पर 1.75 करोड़ लोगों ने डुबकी लगाई. अगर इसमें मकर संक्रांति के आंकड़ें जोड़ दिए जाएं तो अभी तक 5.25 करोड़ लोगों की जनसंख्या प्रयागराज में मौजूद हो गई है. अमावस्या पर छह से आठ करोड़ के बीच श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. ऐसे में प्रयागराज 29 जनवरी को भी विश्व में सर्वाधिक आबादी वाला शहर बनने जा रहा है. सर्वाधिक आबादी वाले शहर टोक्यो - 3.74 करोड़ दिल्ली - 2.93 करोड़ शंघाई - 2.63 करोड़ साओ पाउलो - 2.18 करोड़ मैक्सिको सिटी - 2.16 करोड़
ठंड में भी गोते लगाते दिखे श्रद्धालु प्रयागराज में मकर संक्रांति पर मंगलवार को तेज ठंड हो रही थी. यहां करोडों की भीड़ ने बिना किसी सर्दी के ख्याल के गोते लगाए. लोग मां गंगा और भोले बाबा के जयकारे लगाते हुए चलते रहे. उत्साह और जयकारों के बीच कई किमी की पैदल यात्रा की थकान और सर्दी भी लोगों की आस्था को डिगा न सकी. करीब 10 लाख कल्पवासी व उनके परिजनों के अलावा बड़ी संख्या में अन्य श्रद्धालु भी मेला क्षेत्र में ही रुक गए और स्नान किया. इनके अलावा अखाड़े और अन्य संत व उनके अनुयायी भी सोमवार तक मेला क्षेत्र में पहुंच गए थे. इन मार्गों पर भारी भीड़ मंगलवार को स्नानार्थियों की भारी भीड़ उमड़ी. यहां काली मार्ग, बांध, सभी पांटून पुलों पर तिल रखने की भी जगह नहीं बची. चारों ओर श्रद्धालुओं संतों व उनके अनुयायियों की ही भीड़ नजर आई. जत्थे में चल रहे लोग यहां जोर-जोर से भजन गाते हुए आगे बढ़ रहे थे.