×

राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन के तहत पाम तेल प्रसंस्करण मिल को शुरू किया गया

15 Mar, 2024 05:31 PM

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के दौरान खाद्य तेल उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता को रेखांकित किया।

FasalKranti
Emran Khan, समाचार, [15 Mar, 2024 05:31 PM]
692

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के दौरान खाद्य तेल उत्पादन में भारत की आत्मनिर्भरता को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने केंद्र सरकार की ओर से उत्तर-पूर्व क्षेत्र को ध्यान में रखकर संचालित किए गए एक विशेष अभियान मिशन पाम ऑयल का उल्लेख किया। उन्होंने इस मिशन के तहत पहली तेल मिल का उद्घाटन किया। प्रधानमंत्री ने कहा, "मिशन पाम ऑयल भारत को खाद्य तेल क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा और किसानों की आय में बढ़ोतरी करेगा।" उन्होंने ताड़ (पाम) की खेती करने के लिए किसानों का आभार व्यक्त किया।


इससे पहले भारत सरकार ने अगस्त, 2021 में राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- ऑयल पाम (एनएमईओ-ओपी) की शुरुआत की थी। यह मिशन ताड़ की खेती को बढ़ाने और साल 2025-26 तक कच्चे पाम तेल के उत्पादन को 11.20 लाख टन तक बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। एनएमईओ-ओपी के तहत पाम ऑयल को बढ़ावा देने के लिए 11,040 रुपये के कुल राष्ट्रीय बजट में से विशेष रूप से उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के लिए 5,870 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इसमें केंद्र सरकार 90 फीसदी योगदान करेगी।ऑयल पाम मिशन को रणनीतिक रूप से नए भौगोलिक क्षेत्रों में ताड़ की खेती को बढ़ावा देने और किसानों को व्यापक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार किया गया है। इस सहायता में रोपण सामग्री में सहायता, निजी कंपनियों से सुनिश्चित बाय-बैक प्रतिबद्धताएं और जोखिमों से बचाव के लिए व्यवहार्यता अंतर मूल्य की पेशकश करके किसानों को वैश्विक मूल्य अस्थिरता से बचाना शामिल है।



खाद्य तेल में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने में उत्तर-पूर्वी क्षेत्र (एनईआर) की भूमिका महत्वपूर्ण है, क्योंकि छह एनईआर राज्यों- अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और त्रिपुरा में पाम ऑयल का उत्पादन का होता है। इन राज्यों में पाम ऑयल उत्पादन के लिए 8.4 लाख हेक्टेयर का एक विशाल संभावित क्षेत्र है, जो राष्ट्रीय क्षमता का 38 फीसदी है। अब तक क्षेत्र में 30 लाख से अधिक रोपण सामग्री की क्षमता वाली 30 से अधिक नर्सरी स्थापित की जा चुकी हैं।एनएमईओ-ओपी के तहत किसानों को रोपण सामग्री, प्रबंधन और एनईआर के किसानों के सामने आने वाली भूमि से संबंधित चुनौतियों (भूमि निकासी, हाफ-मून छत निर्माण, जैव-बाड़ लगाना) के समाधान के लिए प्रति हेक्टेयर 1,00,000 रुपये की विशेष सहायता दी जाती है। इसके अलावा यह मिशन किसानों को ताड़ की खेती में प्रयुक्त कटाई उपकरणों की खरीद के लिए 2,90,000 रुपये भी प्रदान कर रहा है।


भारत सरकार एनईआर के कठिन और दुर्गम इलाके को देखते हुए किसानों को सीपीओ मूल्य पर 2 फीसदी अंतर का भुगतान करेगी। वहीं, प्रोसेसरों को समान अवसर देने और उन्हें प्रेरित करने के लिए अन्य क्षेत्रों में सीपीओ मूल्य पर यह 2 फीसदी अंतर का भुगतान प्रोसेसरों को करना होगा। सरकार एनईआर के मामले इसका भुगतान करके उद्योगों को प्रोत्साहित कर रही है।इसके अलावा यह मिशन उत्तर पूर्वी क्षेत्र में फसल कटाई के बाद प्रसंस्करण केंद्रों की स्थापना के लिए एनईआर में निवेश करने के लिए निजी कंपनियों को भी बढ़ावा दे रहा है, जहां इस क्षेत्र में तेल पाम प्रसंस्करण मिलों के लिए 5 करोड़ रुपये की विशेष सहायता आवंटित की गई है। वर्तमान में एनईआर क्षेत्र के तहत 10 नई तेल मिलों का निर्माण करने का प्रस्ताव है।यह दूरदर्शी पहल आर्थिक विकास को बढ़ावा देने, किसानों को सशक्त बनाने और भारत में खाद्य तेल उत्पादन के लिए एक स्थायी और आत्मनिर्भर इकोसिस्टम के निर्माण को लेकर सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाती है। एनएमईओ-ओपी खाद्य तेलों के महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के लिए भारत के समर्पण का एक प्रमाण है।



Tags : Latest News

Related News

KVK रत्नागिरी (लांजा) में मृदा परीक्षण शिविर और 'अर्जुन ड्रोन' का प्रदर्शन सफलतापूर्वक संपन्न

नागपुर हिंसा: प्रदर्शनकारियों द्वारा वाहनों में आग लगाने का वीडियो वायरल, कांग्रेस ने भाजपा पर निशाना साधा

हिंदू कार्यकर्ताओं ने शिमला में ‘अवैध’ मस्जिद के खिलाफ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन

ITOTY 2024 : ट्रैक्टर इंडस्ट्री को “ITOTY 2024” में मिलेगा उत्कृष्टता का सम्मान

अंतर्राष्ट्रीय स्टील स्लैग रोड सम्मेलन का आयोजन भारत में किया गया

जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने थल सेना प्रमुख का पदभार संभाला

गुर्दे के कैंसर के चिकित्सा समाधान की दिशा में वैज्ञानिकों ने एक महत्वपूर्ण खोज

कोयला गैसीकरण पर दो दिवसीय कार्यशाला- "केयरिंग-2024" का आयोजन किया गया

कृषि एवं किसान मंत्रालय ने कृषि वित्तपोषण के भविष्य पर चर्चा करने के लिए बैठक की

डॉ. जितेंद्र सिंह ने सीईएल को 'मिनी रत्न' (श्रेणी-1) का दर्जा देने की घोषणा की

ताज़ा ख़बरें

1

बासमती चावल निर्यातकों को ईरान को निर्यात में मंदी और भुगतान में देरी की आशंका

2

धोखे से बचने के लिए नर्सरी से पौधे खरीदते समय इन 5 बातों का रखें ख़ास ख्याल

3

देश के पूर्वी हिस्सों में अगले 2 दिन होगी झमाझम बारिश, Monsoon रहेगा सुपर एक्टिव

4

पश्चिमी सिंहभूम के घने जंगलों में नक्ली हमला, CRPF के जवान घायल, तलाश अभियान जारी

5

रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा फैसला: दिल्ली के लिए नई एक्साइज पॉलिसी जल्द, कमेटी गठित

6

"G7 समिट में हिस्सा लेने 3 देशों के दौरे पर कल निकलेंगे पीएम मोदी, 5 दिन तक चलेगा मेगा डिप्लोमैटिक अभियान"

7

एग्रीकल्चर मार्केटिंग: प्रक्रिया और प्रभाव

8

डीजीटी और शेल इंडिया ने लॉन्च किया ग्रीन स्किल्स आधारित ईवी प्रशिक्षण कार्यक्रम

9

बाबा केदार का चमत्कार! 10 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन, आरती में उमड़ी भक्तों की भीड़

10

19 को लॉन्च होगा शुभांशु का ऐतिहासिक SpaceX , रॉकेट लीक की समस्या हुई दूर


ताज़ा ख़बरें

1

बासमती चावल निर्यातकों को ईरान को निर्यात में मंदी और भुगतान में देरी की आशंका

2

धोखे से बचने के लिए नर्सरी से पौधे खरीदते समय इन 5 बातों का रखें ख़ास ख्याल

3

देश के पूर्वी हिस्सों में अगले 2 दिन होगी झमाझम बारिश, Monsoon रहेगा सुपर एक्टिव

4

पश्चिमी सिंहभूम के घने जंगलों में नक्ली हमला, CRPF के जवान घायल, तलाश अभियान जारी

5

रेखा गुप्ता सरकार का बड़ा फैसला: दिल्ली के लिए नई एक्साइज पॉलिसी जल्द, कमेटी गठित

6

"G7 समिट में हिस्सा लेने 3 देशों के दौरे पर कल निकलेंगे पीएम मोदी, 5 दिन तक चलेगा मेगा डिप्लोमैटिक अभियान"

7

एग्रीकल्चर मार्केटिंग: प्रक्रिया और प्रभाव

8

डीजीटी और शेल इंडिया ने लॉन्च किया ग्रीन स्किल्स आधारित ईवी प्रशिक्षण कार्यक्रम

9

बाबा केदार का चमत्कार! 10 लाख से ज्यादा भक्तों ने किए दर्शन, आरती में उमड़ी भक्तों की भीड़

10

19 को लॉन्च होगा शुभांशु का ऐतिहासिक SpaceX , रॉकेट लीक की समस्या हुई दूर