धान भारत की प्रमुख रबी और खरीफ फसलों में से एक है। देश के अधिकांश राज्यों, विशेषकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है।
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Fiza, समाचार, [13 May, 2025 02:23 PM]
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भारत में धान (चावल) न केवल एक प्रमुख खाद्यान्न है, बल्कि लाखों किसानों की आजीविका का आधार भी है। यह फसल देश की खाद्य सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, लेकिन जलवायु परिवर्तन, कीट प्रकोप और बाजार की अनिश्चितताओं के कारण धान की खेती आज चुनौतियों से घिरी हुई है।
धान की खेती का महत्व
धान भारत की प्रमुख रबी और खरीफ फसलों में से एक है। देश के अधिकांश राज्यों, विशेषकर पश्चिम बंगाल, पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और तमिलनाडु में इसकी खेती बड़े पैमाने पर की जाती है। चावल भारतीय भोजन का मुख्य आधार है और इसकी मांग देश-विदेश में लगातार बनी हुई है।
धान की उन्नत किस्में
कृषि वैज्ञानिकों ने धान की कई उन्नत किस्में विकसित की हैं, जो अधिक उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करती हैं। कुछ प्रमुख किस्में हैं:
बासमती धान (निर्यात के लिए प्रसिद्ध)
स्वर्णा सब-1 (उच्च उत्पादकता वाली किस्म)
ड्रॉट रेजिस्टेंट वैरायटी (सूखा सहनशील)
हाइब्रिड धान (कम समय में अधिक उपज)
धान की खेती में चुनौतियाँ
जलवायु परिवर्तन: बारिश का अनियमित पैटर्न और सूखा धान की फसल को प्रभावित कर रहा है।
कीट एवं रोग: ब्राउन प्लांट हॉपर, ब्लास्ट रोग और बैक्टीरियल लीफ ब्लाइट जैसी समस्याएं उत्पादन को नुकसान पहुँचाती हैं।
जल संकट: धान की खेती में अधिक पानी की आवश्यकता होती है, जो भूजल स्तर को कम कर रहा है।
बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव: कभी-कभी किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता, जिससे उनकी आय प्रभावित होती है।
समाधान और सरकारी योजनाएँ
जल संरक्षण तकनीक: ड्रिप इरिगेशन और SRI (सिस्टम ऑफ राइस इंटेंसिफिकेशन) जैसी विधियों से पानी की बचत की जा सकती है।
जैविक खेती: रासायनिक उर्वरकों के स्थान पर जैविक खाद का उपयोग करना फायदेमंद है।
सरकारी सहायता: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, मृदा स्वास्थ्य कार्ड और फसल बीमा जैसी योजनाएँ किसानों को सहायता प्रदान कर रही हैं।
निष्कर्ष
धान की खेती भारतीय कृषि का एक अहम हिस्सा है, लेकिन इसके सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने के लिए किसानों को आधुनिक तकनीक और सरकारी सहयोग की आवश्यकता है। यदि समय रहते सही कदम उठाए जाएँ, तो धान की खेती न केवल किसानों के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती प्रदान करेगी।