पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी (PAU) के स्किल डेवलपमेंट सेंटर एवं माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा "बायोएंजाइम के उपयोग से सफाई उत्पाद निर्माण" पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें कुल 19 प्रतिभागियों ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण डॉ. एम.एस. भुल्लर, निदेशक, प्रसार शिक्षा, PAU के मार्गदर्शन में सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. रुपिंदर कौर, एसोसिएट डायरेक्टर (प्रकाशन), ने जानकारी दी कि बायोएंजाइम से बने सफाई उत्पाद न केवल पर्यावरण के अनुकूल होते हैं, बल्कि घरेलू खर्चों में भी कमी लाते हैं। इन उत्पादों को शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर आपूर्ति करके लाभ कमाया जा सकता है।डॉ. उर्मिला गुप्ता, प्रमुख, माइक्रोबायोलॉजी विभाग, ने बायोएंजाइम को जैविक क्लीनर के रूप में उपयोग करने पर व्याख्यान दिया। वहीं डॉ. प्रिया कत्याल और डॉ. सुमन कुमारी ने बायोएंजाइम के विभिन्न उपयोगों, कृषि अपशिष्ट से इनके निर्माण और गुणवत्ता जांच की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला।
डॉ. रमनदीप सिंह, निदेशक, स्कूल ऑफ बिज़नेस स्टडीज़, ने सफाई उत्पादों की ब्रांडिंग, लेबलिंग और विपणन के पहलुओं को विस्तार से समझाया।इसके अतिरिक्त डॉ. प्रerna कापिला ने प्रतिभागियों को ऑर्गेनिक डिश वॉश, एलोवेरा साबुन और फेस पैक तैयार करने में मार्गदर्शन प्रदान किया।कार्यक्रम के अंत में डॉ. कुलवीर कौर, सहायक गृह वैज्ञानिक, ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।यह प्रशिक्षण न केवल उद्यमिता को बढ़ावा देने वाला साबित हुआ, बल्कि कृषि अपशिष्ट के रचनात्मक उपयोग की दिशा में भी एक प्रेरणादायक पहल रही।