प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को पांच देशों की महत्वपूर्ण विदेश यात्रा के लिए रवाना हो गए हैं। यह दौरा भारत के द्विपक्षीय संबंधों को मज़बूत करने और वैश्विक मंचों पर भारत की भूमिका को विस्तार देने की दिशा में अहम माना जा रहा है। इस यात्रा की शुरुआत अफ्रीकी देश घाना से हुई है, जो कि पीएम मोदी की पहली द्विपक्षीय अफ्रीकी यात्रा है।
प्रधानमंत्री मोदी घाना के राष्ट्रपति के साथ मुलाकात कर द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा करेंगे। दोनों देशों के बीच आर्थिक, ऊर्जा, रक्षा और विकास सहयोग के नए आयामों पर चर्चा होगी। यह दौरा भारत और ईसीओडब्ल्यूएएस (ECOWAS) तथा अफ्रीकी संघ के साथ संबंधों को नई मजबूती देने का अवसर है। घाना की यह यात्रा तीन दशकों बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा की जा रही है।
यात्रा के दूसरे चरण में पीएम मोदी 3-4 जुलाई को त्रिनिदाद और टोबैगो पहुंचेंगे। 1999 के बाद यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली आधिकारिक यात्रा होगी। वे राष्ट्रपति क्रिस्टीन कार्ला कंगालू और प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर से मुलाकात करेंगे। इस दौरान वे वहां की संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित करेंगे।
5 से 8 जुलाई तक प्रधानमंत्री मोदी ब्राजील में रहेंगे, जहां वे रियो डी जेनेरियो में होने वाले 17वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। इस सम्मेलन में वैश्विक शासन में सुधार, जलवायु परिवर्तन, AI का जिम्मेदार उपयोग और वैश्विक आर्थिक चुनौतियों जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। इसके अलावा प्रधानमंत्री द्विपक्षीय मुलाकातों की श्रृंखला में अन्य वैश्विक नेताओं से संवाद भी करेंगे।
प्रधानमंत्री की यात्रा का अंतिम चरण अर्जेंटीना और नामीबिया में होगा। 9 जुलाई को वे नामीबिया की राजकीय यात्रा पर जाएंगे और राष्ट्रपति नेटुम्बो नंदी-नदैतवा से वार्ता करेंगे। साथ ही वे संसद को संबोधित करेंगे और स्वतंत्रता संग्राम के नायक सैम नुजोमा को श्रद्धांजलि देंगे।
इस यात्रा को भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ और ‘एक्ट वेस्ट’ नीति के तहत संतुलित विदेश नीति का प्रतीक माना जा रहा है, जो वैश्विक स्तर पर भारत की भूमिका को और मजबूत करेगा। विदेश मंत्रालय ने इस यात्रा को ‘कूटनीतिक संबंधों के नए अध्याय की शुरुआत’ बताया है।