संगरूर के प्रतिनिधिमंडल स्पीड ब्रीडिंग, एग्रो-प्रोसेसिंग और कौशल विकास पहलों का लिया अवलोकन किया
10 Jun, 2025 02:53 PM
ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका को सशक्त बनाने और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संगरूर...........
FasalKranti
Emran Khan, समाचार, [10 Jun, 2025 02:53 PM]
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ग्रामीण क्षेत्र में आजीविका को सशक्त बनाने और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से संगरूर के उप कार्यक्रम प्रबंधक सौरभ बंसल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल ने पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (PAU), लुधियाना का दौरा किया। इस दौरे का उद्देश्य विश्वविद्यालय की कृषि तकनीक आधारित नवाचारों को समझना और उन्हें ग्रामीण विकास से जोड़ने की संभावनाओं का पता लगाना था।दौरे की शुरुआत स्कूल ऑफ एग्रीकल्चरल बायोटेक्नोलॉजी से हुई, जहां निदेशक डॉ. योगेश विकल और डॉ. पलवी मलिक ने स्पीड ब्रीडिंग प्रयोगशाला का अवलोकन करवाया। डॉ. मलिक ने बताया कि स्पीड ब्रीडिंग एक नवीन तकनीक है जिससे पौधों में जल्दी फूल आने को प्रेरित किया जाता है, जिससे पारंपरिक विधियों की तुलना में फसल सुधार की प्रक्रिया तेज होती है।
इसके बाद डॉ. अमनदीप मित्तल ने प्रतिनिधिमंडल को प्लांट टिशू कल्चर लैबोरेटरी में ले जाकर यह बताया कि कैसे इस "पौधों की आईसीयू" में रोगमुक्त रोपण सामग्री तैयार की जाती है। उन्होंने फ्रूट मॉलिक्यूलर बायोलॉजी लैब का भी परिचय दिया जहां फसल में उपयोगी गुणों को विकसित करने के लिए जीन हेरफेर और मार्कर-लक्षण सहयोग तकनीकों का उपयोग किया जाता है। प्रतिनिधिमंडल में विक्रांत कुमार, राजिंदर कुमार और सरदार हरजंत सिंह भी शामिल थे। बंसल ने कहा, “हम महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं। PAU में कई ऐसी तकनीकें हैं जिन्हें ग्रामीण महिलाओं तक पहुंचाया जा सकता है ताकि वे कृषि आधारित उद्यमों के माध्यम से अपने परिवार की आय बढ़ा सकें।”
इसके बाद प्रतिनिधिमंडल एग्रो-प्रोसेसिंग कॉम्प्लेक्स पहुंचा, जहां डॉ. टी.सी. मित्तल (प्रमुख, प्रोसेसिंग एंड फूड इंजीनियरिंग विभाग) ने गेहूं चक्की, दाल मिल, कोल्ड ऑयल प्रेस, पल्स कलर सॉर्टर और नाइट्रोजन फ्लश पैकेजिंग मशीन जैसे प्रमुख उपकरणों का प्रदर्शन किया। उन्होंने बताया कि यह इकाई PAU की उन्नत किस्मों जैसे PBW1 चपाती गेहूं, पंजाब बासमती 7, कैनोला GSC 7 और ग्रीष्म मूंग SML 832 के प्रसंस्करण और ब्रांडिंग में सहायक है।
कौशल विकास केंद्र में डॉ. रुपिंदर तूर (एसोसिएट डायरेक्टर) ने मधुमक्खी पालन, बागवानी, जैविक खेती और मशरूम उत्पादन जैसे अल्पकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह सभी प्रशिक्षण बहुत ही मामूली शुल्क पर उपलब्ध हैं। उन्होंने 'यंग फार्मर्स प्रोग्राम' और PAU एग्री बिजनेस इनक्यूबेटर (PABI) की सफलता की कहानियाँ भी साझा कीं, जिनके तहत प्रशिक्षित युवाओं ने अपने स्वयं के स्टार्टअप शुरू किए हैं।फूड इंडस्ट्री बिजनेस इनक्यूबेशन सेंटर में डॉ. सविता शर्मा ने मूल्य संवर्धित खाद्य उत्पादों को बढ़ाने हेतु उद्यमियों को प्रदान किए जा रहे तकनीकी समर्थन की जानकारी दी।
दिन की शुरुआत में प्रतिनिधिमंडल का स्वागत डॉ. तेजिंदर सिंह रियार (अतिरिक्त निदेशक, संचार) ने किया। उन्होंने बताया कि PAU किस तरह पारंपरिक और डिजिटल माध्यमों के जरिए कृषि तकनीकों को किसानों तक समय पर पहुंचा रहा है।यह दौरा विश्वविद्यालय और ग्रामीण विकास विभाग के बीच सहयोग की नई संभावनाओं को दर्शाता है, जो भविष्य में किसानों और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में अहम भूमिका निभा सकता है।