भारतीय वायुसेना के 15 जूनियर कमीशंड अधिकारियों (JCOs) और समकक्ष रैंक के जवानों ने चौधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय (CSKHPKV), पालमपुर में आयोजित 16 सप्ताह के कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम को सफलतापूर्वक पूरा किया। कार्यक्रम का समापन प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा आयोजित एक समापन समारोह में हुआ।
प्रशिक्षण का विषय था "संरक्षित खेती और सब्जियों व बागवानी फसलों का मूल्य संवर्धन", जिसमें प्रतिभागियों को आधुनिक कृषि तकनीकों, मौसम से बाहर सब्जियों की उत्पादन विधियों, संरक्षित खेती, और कीट एवं रोग प्रबंधन की व्यावहारिक जानकारी दी गई।
समारोह में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीन कुमार ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और सभी प्रतिभागियों को प्रशिक्षण पूरा करने पर बधाई दी। उन्होंने वायुसेना के जवानों की सीखने की तत्परता और अनुशासन की सराहना करते हुए कहा,
"आपकी यह सीख देश की सेवा के बाद एक नई दिशा प्रदान कर सकती है। कृषि क्षेत्र में स्वरोजगार की असीम संभावनाएं हैं, और आप इसमें प्रेरणास्रोत बन सकते हैं।"
प्रो. कुमार ने रक्षा कर्मियों के लिए विश्वविद्यालय द्वारा चलाई जा रही कृषि उद्यमिता से संबंधित प्रशिक्षण पहल को राष्ट्र सेवा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र वितरित किए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि लेफ्टिनेंट कर्नल गुरप्रीत सिंह जसवाल ने विश्वविद्यालय के इस समर्थन और योगदान के लिए आभार जताया और प्रशिक्षित कर्मियों को भविष्य में कृषि व बागवानी आधारित व्यवसाय अपनाने के लिए प्रेरित किया।
यह प्रशिक्षण कार्यक्रम नई दिल्ली स्थित डायरेक्टरेट जनरल रीसैटलमेंट (DGR) के सौजन्य से आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों को नई जीविकोपार्जन क्षमताओं से लैस करना है।