भारत सरकार द्वारा हाल ही में घोषित GST सुधारों ने कृषि क्षेत्र और निर्यात उद्योग में नई ऊर्जा का संचार किया है। भारतीय चावल निर्यातक महासंघ (IREF) ने शनिवार को इन सुधारों का स्वागत करते हुए कहा कि इससे चावल की मांग बढ़ेगी और किसानों को सीधा लाभ मिलेगा। IREF के उपाध्यक्ष देव गर्ग के अनुसार, GST में कमी और प्रक्रियाओं के सरलीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति विश्वास बढ़ा है, विशेष रूप से प्रीमियम चावल किस्मों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि की उम्मीद है।
चावल निर्यात को बढ़ावा:
आगामी सीजन में बासमती और प्रीमियम गैर-बासमती चावल की मांग बढ़ने का अनुमान है। GST सुधारों से उपभोक्ता मांग में वृद्धि होगी, खासकर आधुनिक रिटेल और उच्च-मूल्य वाली वस्तुओं में। IREF का मानना है कि इससे किसानों की आय में सुधार होगा ।
तेज रिफंड प्रक्रिया:
निर्यातकों को अब एक सप्ताह के भीतर 90% प्रोविजनल GST रिफंड मिलेगा, जबकि पहले इसमें 60 दिन लगते थे। इससे कार्यशील पूंजी अवरुद्ध नहीं होगी और निर्यातकों की तरलता एवं प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
कृषि उपकरणों पर GST कमी:
ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, ड्रिप सिंचाई प्रणाली, और कृषि मशीनरी पर GST 12-18% से घटाकर 5% किया गया है। इससे किसानों की लागत कम होगी और आधुनिक तकनीक अपनाने में आसानी होगी।
उर्वरक और रसायनों पर राहत:
अमोनिया, सल्फ्यूरिक एसिड, और नाइट्रिक एसिड जैसे उर्वरक उत्पादन के लिए आवश्यक कच्चे माल पर GST 18% से घटाकर 5% किया गया है। इससे उर्वरकों की कीमतें स्थिर रहेंगी और किसानों को समय पर सस्ता इनपुट मिलेगा।
MSME और निर्यातकों को लाभ:
GST पंजीकरण की मंजूरी की अवधि घटकर 3 दिन की गई है, जिससे नए व्यवसाय शीघ्र शुरू हो सकेंगे। कम अनुपालन बोझ और सरलीकृत प्रक्रियाओं से MSME क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
देव गर्ग ने कहा, "GST सुधारों से भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति सकारात्मक धारणा बढ़ी है। अप्रत्यक्ष करों के पुनर्गठन से उपभोक्ता मांग बढ़ेगी, विशेष रूप से प्रीमियम चावल किस्मों की मांग में वृद्धि होगी। यह सुधार निर्यातकों के लिए गेम-चेंजर साबित होगा"।
IREF ने भविष्यवाणी की है कि GST सुधारों से चावल निर्यात में 40% तक की वृद्धि हो सकती है, विशेषकर लैटिन अमेरिका और नए बाजारों में अवसर बढ़ेंगे।सरकार द्वारा चावल निर्यात पर MEP (न्यूनतम निर्यात मूल्य) समाप्त करने के आश्वासन से भी निर्यातकों को राहत मिली है।
हालांकि, कुछ विपक्षी दलों ने इन सुधारों की आलोचना करते हुए कहा है कि GST ने किसानों पर पहली बार कर लगाया है और गरीबों पर कर का बोझ बढ़ाया है।लेकिन सरकार का दावा है कि यह सुधार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और किसानों की आय बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है।
GST 2.0 सुधार कृषि क्षेत्र के लिए एक मील का पत्थर साबित होने जा रहा है। किसानों की लागत कम होने, निर्यात प्रक्रियाएँ सरल होने, और मांग बढ़ने से भारत का चावल निर्यात नए रिकॉर्ड बनाएगा। IREF और किसान संगठनों ने इन सुधारों का स्वागत करते हुए सरकार की प्रशंसा की है