"Nationwide 'Viksit Krishi Sankalp Abhiyan' to Empower Farmers with Modern Agricultural Practices"
700 से अधिक जिलों में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के तहत गांव-गांव पहुंचेगी वैज्ञानिकों की टीम
13 May, 2025 03:19 PM
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) द्वारा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ 700 से अधिक जिलों में 29 मई से 12 जून 2025 तक चलाया जाएगा।
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Emran Khan, समाचार, [13 May, 2025 03:19 PM]
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केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् (आईसीएआर) द्वारा ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ 700 से अधिक जिलों में 29 मई से 12 जून 2025 तक चलाया जाएगा। केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि यह अभियान किसानों को उन्नत खेती की जानकारी देने और उन्हें समृद्ध बनाने के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है।
गांव-गांव जाकर किसानों से होगा संवाद इस अभियान के अंतर्गत कृषि वैज्ञानिक, मंत्रालय के अधिकारी, स्थानीय कृषिकर्मी और अन्य विशेषज्ञ गांव-गांव जाकर किसानों से सीधे संवाद करेंगे। उन्हें खेती की आधुनिक तकनीकों, सरकारी योजनाओं और फसल सुधार के तरीकों की जानकारी देंगे। लैब टू लैंड को मिलेगा बल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “लैब टू लैंड” मंत्र को साकार करने के लिए यह अभियान एक रचनात्मक, महत्वाकांक्षी और अभिनव प्रयास है। कृषि मंत्री ने इसे “एक देश, एक कृषि, एक टीम” की दिशा में बड़ा कदम बताया।
प्रदर्शन और प्रशिक्षण का होगा आयोजन अभियान के दौरान मृदा स्वास्थ्य कार्ड, संतुलित खादों का प्रयोग, धान की सीधी बुवाई (DSR), फसल विविधीकरण, सोयाबीन मशीनीकरण, और प्राकृतिक खेती जैसे विषयों पर डेमो और प्रशिक्षण दिए जाएंगे। ड्रोन प्रौद्योगिकी और आईसीटी टूल्स का भी प्रदर्शन कर किसानों को जागरूक किया जाएगा।
तीन महीने में दिखेगा असर कृषि मंत्री ने कहा कि यह कोई औपचारिकता नहीं, बल्कि तत्काल परिणाम देने वाला अभियान है। इसका असर खरीफ सीजन में ही नजर आने लगेगा। उन्होंने वैज्ञानिकों से अभियान को पूरे मन से करने का आग्रह किया।
देशभर की संस्थाएं जुड़ेंगी अभियान से
देशभर के 731 कृषि विज्ञान केंद्र (KVK), 100 से अधिक ICAR संस्थान, राज्य कृषि विभाग, पशुपालन, मत्स्य, उद्यानिकी विभाग, एफपीओ, एफआईजी, स्वयं सहायता समूह और प्रगतिशील किसान इस अभियान का हिस्सा बनेंगे।
सभी राज्यों के साथ समन्वय अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए श्री चौहान ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजे हैं। कृषि सचिव देवेश चतुर्वेदी और ICAR महानिदेशक डा. एम.एल. जाट ने भी राज्य अधिकारियों से संपर्क कर विस्तृत कार्ययोजना तैयार की है।