Modernization of Agricultural Markets in Bihar: A Boon for Farmers and Boost for Rural Economy
बिहार के किसानों को मिलेगा उचित दाम,कृषि व्यापार को मिलेगा नया आयाम
19 May, 2025 02:14 PM
बिहार सरकार राज्य के कृषि बाजार प्रांगणों को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए, बेहतर विपणन सुविधाएं उपलब्ध है
FasalKranti
Emran Khan, समाचार, [19 May, 2025 02:14 PM]
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बिहार सरकार राज्य के कृषि बाजार प्रांगणों को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए तेजी से कार्य कर रही है। इस पहल का उद्देश्य किसानों को उनकी उपज का वाजिब मूल्य दिलाने के लिए, बेहतर विपणन सुविधाएं उपलब्ध कराना और कृषि आधारित व्यापार को प्रोत्साहित करना है। उप मुख्यमंत्री सह कृषि मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने इस महत्त्वाकांक्षी योजना की जानकारी साझा करते हुए बताया कि राज्य के प्रमुख कृषि बाजार प्रांगणों का चरणबद्ध तरीके से आधुनिकीकरण किया जा रहा है।
कृषि विपणन को नया स्वरूप सह कृषि मंत्री ने बताया कि कृषि विपणन निदेशालय के अंतर्गत इस योजना को क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसका मकसद किसानों, व्यापारियों, उद्यमियों और निर्यातकों के लिए एक संगठित और पारदर्शी बाजार प्लेटफॉर्म तैयार करना है। इस पहल से न केवल किसानों को बेहतर मूल्य मिलेगा, बल्कि खाद्य प्रसंस्करण और निर्यात को भी गति मिलेगी। विकास के दो प्रमुख चरण • वित्तीय वर्ष 2021-22 में राज्य के 12 प्रमुख बाजार प्रांगणों – गुलाबबाग (पूर्णिया), मुसल्लहपुर (पटना), आरा, हाजीपुर, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मोतिहारी, गया, बेतिया, दाउदनगर और मोहनिया – के समुचित विकास हेतु 748.46 करोड़ रुपए की लागत से परियोजनाएं स्वीकृत की गईं। • वहीं 2022-23 में सासाराम, बेगूसराय, कटिहार, फारबिसगंज, जहानाबाद, दरभंगा, किशनगंज, छपरा और बिहटा जैसे 9 अन्य बाजारों के विकास के लिए 540.61 करोड़ रुपए की योजनाएं चलाई जा रही हैं।
क्या मिलेंगी सुविधाएं? इन बाजार प्रांगणों में निम्नलिखित अत्याधुनिक सुविधाओं का निर्माण किया जा रहा है: • वेंडिंग प्लेटफॉर्म और दुकानें • वे-ब्रिज (तौल प्रणाली) • जल निकासी व्यवस्था • प्रशासनिक भवन और श्रमिक विश्राम गृह • अतिथि गृह, मछली बाजार, केला मंडी • आंतरिक सड़कें और सौर ऊर्जा पैनल • कर्मचारी कैंटीन और कंपोस्टिंग प्लांट ये सभी सुविधाएं न केवल किसानों को अपनी फसल बेचने में सुविधा देंगी, बल्कि व्यापारियों को भी एक व्यवस्थित और स्वच्छ वातावरण प्रदान करेंगी।
ई-नाम से बदलेगा किसानों का भविष्य विजय सिन्हा ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार की ई-नाम (e-NAM) योजना के माध्यम से अब बिहार के किसान अपनी उपज को ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर देशभर में बेच सकते हैं। इससे बाजार की सीमाएं समाप्त होंगी, प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और किसानों की आमदनी में इजाफा होगा। राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूती उप मुख्यमंत्री ने कहा कि इन योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से बिहार न केवल खाद्य प्रसंस्करण और कृषि उद्योगों में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी एक नई दिशा मिलेगी। किसानों की आय बढ़ेगी, नई नौकरियां पैदा होंगी और राज्य के कृषि उत्पाद राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा में खड़े हो सकेंगे।