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महिला किसानों को समृद्ध बना रहा केवीके नगीना : डॉ. शकुंतला गुप्ता

03 Jun, 2024 03:11 PM

कृषि क्षेत्र में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों का बड़ा योगदान है। इसलिए कृषि नई कृषि तकनीकों को प्रसार के माध्यम से किसानों तक पहुँचाने में कृषि विज्ञान केंद्र का अहम योगदान है।

FasalKranti
Emran Khan, समाचार, [03 Jun, 2024 03:11 PM]
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कृषि क्षेत्र में तकनीक को बढ़ावा देने के लिए सरकार के प्रयासों का बड़ा योगदान है। इसलिए कृषि नई कृषि तकनीकों को प्रसार के माध्यम से किसानों तक पहुँचाने में कृषि विज्ञान केंद्र का अहम योगदान है। देश भर में कृषि वैज्ञानिक अपनी कड़ी मेहनत से किसानों की समस्याओं का निराकरण करने का प्रयास करते है। इसी कड़ी में फसल क्रांति ने कृषि विज्ञान केन्द्र बिजनौर की अध्यक्ष एवं मुख्य वैज्ञानिक डॉ। शकुंतला गुप्ता से बात की पेश है उनसे बातचीत के कुछ मुख्य अंश ........


इस कृषि विज्ञान केंद्र से आपका जुड़ाव कब से है ?


वर्ष 1996 से लेकर आज तक मेरा जुड़ाव कृषि विज्ञान केंद्र से है। कृषि विज्ञान केंद्र बिजनौर पर लम्बे समय से मै कार्यरत हूँ । इस कृषि विज्ञान केंद्र से मेरा लगाव बहुत ही ज्यादा है। हम महिलाओं के बीच में जाकर महिला किसानों के साथ मिलकर काम करते हैं।



क्षेत्रीय किसानों के लिए कृषि विज्ञान केंद्र किस तरह के कार्य करता है ?


यदि हम बिजनौर क्षेत्र की बात करें तो यह तराई क्षेत्र है। इस क्षेत्र के किसान अधिकतर धान और गन्ने की खेती करते हैं। यहाँ पर धान का उत्पादन बड़ी संख्या में किसान लेते हैं इसी के साथ यहाँ के धान की गुणवत्ता भी अच्छी होती है। इसके अलावा यहाँ पर बड़े स्तर पर सिंघाड़े की खेती की जाती है और साथ ही पर मछली पालन बड़े पैमाने पर किया जाता है।



जब से आपने इस केवीके का कार्यभार संभाला है, तो आपने क्या नए परिवर्तन किए हैं ?



मेरे कार्यभार सँभालने के बाद इस कृषि विज्ञान केंद्र में कई परिवर्तन हुए हैं। कई कार्य इस केवीके की बेहतरी के लिए किए गए हैं। यहाँ पर हमने नेट हाउस की शुरुआत की , जिसमें हम फसलों की पौध तैयार करवाते हैं और किसानों को बहुत कम मूल्य पर उपलब्ध कराते हैं। यह पौध एक रुपया प्रति पौधे की दर से हम किसानों को बांटते हैं। इस नेट हाउस के माध्यम से किसानों के लिए नर्सरी का संचालन बहुत बढ़िया तरीके से किया जा रहा है। इसके अलावा हमारे यहाँ हाईटेक नर्सरी की शुरुआत की गई है। इसी के साथ हमने मशरूम लैब की भी स्थापना अपने कृषि विज्ञान केंद्र पर की है। केवीके की मृदा जांच की लैब भी अच्छे से चल रही ।




महिला किसानों के लिए केवीके द्वारा क्या कार्य किए जा रहे हैं ?



खासकर महिला किसानों के लिए हमारे यहाँ पर चार तरह के प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। हम किसानों को प्रशिक्षण के माध्यम से शिक्षित करते हैं। जैसे किसी फसल में कोई रोग लगने वाला है तो हम इसके बारे में जागरूक करते हैं।इसके अलावा गृह विज्ञान है तो उसमें कार्ययोजना बनाकर महिला किसानों को प्रशिक्षित किया जाता है। अपने अपने विषय से सम्बंधित सभी कृषि वैज्ञानिक किसानों को प्रशिक्षण और जानकारी देते हैं। इसके अलावा मेरा दूसरा कार्य यह रहता है कि हम आंगनवाडी कार्यकत्रियों को भी प्रशिक्षित करते हैं। हम इसमें मुख्य रूप से किचन गार्डन, जैम, अचार बनाना आदि का प्रशिक्षण उपलब्ध कराते हैं। इसी के साथ इसकी उपयोगिता भी बताते हैं। इसी के साथ ही हम महिला किसानों को अचार बनाना, मुरब्बा बनाना, जैम जैली बनाना आदि सिखाते है।



फसलों में आने वाली समस्याओं का निराकरण आप कैसे करते हैं?


फसलों में आने वाली समस्याओं का निराकरण करने के लिए हम हमेशा किसानों के संपर्क में रहते हैं। किसानों के पास हमारे संपर्क नंबर होते हैं। इसके अलावा हम समय-समय पर गोष्ठियों के माध्यम से भी किसानों को प्रशिक्षित करते हैं। उनकी समस्याओं को सुनते हैं, इसके साथ ही हम किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र पर बुलाते हैं और उनको उनकी समस्याओं का समाधान उपलब्ध कराते हैं।




पूरा साक्षात्कार देखने के लिए फसल क्रांति यूट्यूब चैनल जाए।


https://www.youtube.com/watch?v=hh2T3QJHL8c&t=409s




Tags : Interview | KVK News | Agriculture News

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