If you are also going to do Chhath Puja in Yamuna, then take these 5 precautions!
अगर आप भी करने जा रहे हैं यमुना में छठ पूजा, तो बरतें ये 5 सावधानियां!
07 Nov, 2024 11:19 AM
दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी की रिपोर्ट भी यही बताती है कि दिल्ली में यमुना का पानी काफी खराब हो चुका है.
FasalKranti
समाचार, [07 Nov, 2024 11:19 AM]
देश का राजधानी दिल्ली में कई लोग मौजूद है, जो छठ पूजा करने के लिए यमुना तट पर जाने वाले हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि यमुना का पानी छठ पूजा करने लायक नहीं है. दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल कमेटी की रिपोर्ट भी यही बताती है कि दिल्ली में यमुना का पानी काफी खराब हो चुका है. दिल्ली जैसे शहर में जहां लोगों के पास साधनों की कमी है. वहां यमुना नदी में छठ व्रत करना कई सारे लोगों की मजबूरी भी बन जाती है. ऐसे में अगर आप छठ करने के लिए यमुना के प्रदूषित पानी में खड़े होने को मजबूर भी हैं तो आपको कुछ बहुत जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए. इन सावधानियों का पालन करने से श्रद्धालु आने वाले वक्त में प्रदूषण जनित बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं.
प्रदूषित पानी में न जाएं ये लोग यमुना या किसी भी प्रदूषित पानी में अंदर जाने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि कहीं आपको कोई जख्म तो नहीं हो रहा है, क्योंकि जानकार बताते हैं कि इंफेक्शन का सबसे ज्यादा खतरा तभी होता है. जब आपके किसी घाव के जरिए प्रदूषित पानी आपके शरीर में प्रवेश कर जाए. इससे ना सिर्फ उस इंफेक्शन के बढ़ने का खतरा बना रहता है. प्रदूषित पानी मुंह में न जाए श्रद्धालु कई बार नदी के तट पर पूजा करते समय प्रदूषण वाला पानी पी लेते है. श्रद्धा के बावजूद यह बात ध्यान रखनी बेहद जरूरी है कि जो पानी खड़ा होने लायक भी उसे मुंह में लेने से या अंदर निगल जाने से कई सारी बीमारियां आपके अंदर घर बना सकती हैं. आखों का रखें ख्याल प्रदूषित पानी से आंखों को विशेष तौर पर खतरा होता है. इसलिए आप छठ के मौके पर प्रदूषित पानी में डुबकी लगा भी रहे हैं तो डुबकी लगाते वक्त इस बात का ख्याल जरूर रखें कि आपकी आंखें बंद हों और प्रदूषित पानी आंखों में ना जा पाए. नहीं तो बेहद संवेदनशील माने जाने वाले आंखों में तुरंत इन्फेक्शन और इरिटेशन की समस्या हो सकती है. अपने साथ रखें साफ पानी
अगर आप छठ व्रती हैं या छठ करने के लिए यमुना या प्रदूषित पानी के अंदर जा रहे हैं तो कई सावधानियों के बावजूद आप प्रदूषण से प्रभावित हो सकते हैं. इसलिए विशेषज्ञ यह सलाह देते हैं कि आप जब भी यमुना के अंदर जाएं तो अपने साथ काम से कम एक बोतल साफ पानी जरूर रखें. इससे किसी भी मुश्किल परिस्थिति में आप उसे साफ पानी से कुल्ला कर सकते हैं, आंखें धो सकते हैं या फिर यमुना से निकलने के ठीक बाद हाथ पैर धोने में ही समझदारी है. डुबकी लगाने के बाद पर्सनल हाइजीन बरतें जब भी आप प्रदूषित पानी के अंदर से बाहर आते हैं तो ये बात तो तय है कि प्रदूषक आपका पीछा वहीं नहीं छोड़ते, बल्कि आपके साथ चिपके रहते हैं. और घर तक भी पहुंच जाते हैं. इसलिए यमुना से निकलने के बाद हाथ-पैर समेत पूरे शरीर को रगड़-रगड़ कर पानी से धोएं. जिस कपड़े को पहन कर अपने डुबकी लगाई है. उसे भी अच्छे तरह से धोकर ही दोबारा इस्तेमाल करें. यह कुछ ऐसी सावधानियां हैं, जिनका इस्तेमाल से ना सिर्फ आप श्रद्धा के इस महापर्व को आस्था अनुसार मना पाएंगे, बल्कि खुद और जो आपके संपर्क में आते हैं उन्हें भी कई बीमारियों से बचा सकेंगे.