कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दिवंगत भाजपा नेता अरुण जेटली पर धमकी देने के आरोपों को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने तीखा प्रतिक्रिया दी है। सीएम सैनी ने इन आरोपों को "झूठ की राजनीति" और राहुल की "राजनीतिक समझ की कमी" का प्रमाण बताया है।
सीएम सैनी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट कर कहा, "दिवंगत श्री अरुण जेटली जी का 2019 में निधन हो गया, जबकि कृषि कानून 2020 में पेश किए गए। फिर भी राहुल गांधी दावा कर रहे हैं कि जेटली जी ने उन्हें इन कानूनों का विरोध न करने की धमकी दी थी। यह बयान न केवल हास्यास्पद है, बल्कि उनकी राजनीतिक समझ की कमी और झूठ की राजनीति को भी उजागर करता है।"
उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी दिवंगत नेताओं के नाम पर झूठ बोलकर अपनी "खोई हुई विश्वसनीयता" वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं, जो शर्मनाक है।
राहुल गांधी ने हाल ही में एक कार्यक्रम में दावा किया था कि कृषि कानूनों (2020) के विरोध के दौरान अरुण जेटली ने उन्हें धमकाया था। उनके अनुसार, जेटली ने कहा था, "अगर तुम सरकार का विरोध करते रहे, तो हम तुम्हारे खिलाफ कार्रवाई करेंगे।" हालांकि, भाजपा ने इस दावे को "फर्जी" बताया, क्योंकि जेटली का निधन 2019 में हो चुका था, जबकि कृषि कानून 2020 में आए थे।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने इस मामले में सफाई देते हुए कहा कि राहुल गांधी का संदर्भ 2014-15 के भूमि अधिग्रहण कानून से था, न कि सिर्फ 2020 के कृषि कानूनों से। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने किसान-विरोधी नीतियों की एक श्रृंखला बनाई थी, जिसमें जेटली ने भूमि अधिग्रहण कानून के मुद्दे पर राहुल से बात की थी।
वहीं, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल पर हमला बोलते हुए कहा, "राहुल गांधी काल्पनिक दुनिया में जी रहे हैं। उन्हें जेटली जी के परिवार से माफी मांगनी चाहिए।"
यह विवाद एक बार फिर राहुल गांधी की बयानबाजी को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। पहले चुनाव आयोग और डोनाल्ड ट्रंप के मामले में उनके बयानों पर सवाल उठे थे, और अब अरुण जेटली को लेकर उनके दावे तथ्यात्मक असंगतियों के कारण विवादों में घिर गए हैं। भाजपा और कांग्रेस के बीच यह टकराव आने वाले समय में और तीखा हो सकता है।