Good news for Haryana farmers, soil samples will be sent to the lab and they will get soil health cards!
हरियाणा किसानों के लिए खुशखबरी, लैब में भेजे जाएंगे मिट्टी के नमूने और मिलेंगे सॉइल हेल्थ कार्ड!
11 Feb, 2025 02:25 PM
हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक खुशखबरी दी है. अब मृदा की सॉइल टेस्टिंग कराने के बाद किसानों को सरकार की ओर से सॉइल हेल्थ कार्ड मिलेंगे.
FasalKranti
समाचार, [11 Feb, 2025 02:25 PM]
हरियाणा सरकार ने किसानों के लिए एक खुशखबरी दी है. अब मृदा की सॉइल टेस्टिंग कराने के बाद किसानों को सरकार की ओर से सॉइल हेल्थ कार्ड मिलेंगे. इसको लेकर राज्य के कृषि एंव किसान कल्याण मंत्री श्याम सिंह राणा ने बताया कि 'हर खेत-स्वस्थ खेत' अभियान के तहत आगामी तीम-टार वर्षों में राज्य के प्रत्येक एकड़ के मिट्टी के नमूने जुटा कर सभी किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड प्रदान किए जाएंगे. इस अभियान के तहत अब तक 70 लाख मिट्टी के नमूने जुटाए जा चुके हैं. साथ ही 55 लाख नमूनों का विशलेषण करने के बाद सॉइल हेल्थ कार्ड बांटे जा चुके हैं.
राज्य कृषि मंत्री ने दी जानकारी आगे जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि कि साल 2022 में सॉइल हेल्थ कार्ड प्रोजेक्ट के लिए स्कॉच ग्रुप द्वारा विभाग को स्वर्ण पदक भी मिल चुका है. सॉइल हेल्थ कार्ड योजना के तहत 86.65 लाख सॉइल हेल्थ कार्ड बांटे गए हैं. राज्य में 17 नई स्थायी मृदा एवं जल परीक्षण प्रयोगशालाएं बनाई गई हैं. राज्य की अलग-अलग मंडियों में 54 नई लघु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं भी खोली जा चुकी हैं. इसके अलावा, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों और राजकीय महाविद्यालयों में 240 लघु मृदा परीक्षण प्रयोगशालाएं लगाई जा चुकी हैं. इनमें विज्ञान फैकल्टी के विद्यार्थियों द्वारा मिट्टी के नमूने जुटा कर उनका टेस्ट किया जाता है. इस योजना के तहत मिट्टी जांच के लिए विभाग द्वारा 26 मई, 2022 को 'हर खेत-स्वस्थ खेत' का पोर्टल लॉन्च किया गया. फलों, सब्जियों, मिट्टी और पानी में कीटनाशक अवशेषों की निगरानी के लिए सिरसा और करनाल में लैब बनाई गई हैं. साल 2023-24 मे कुल 3640 नमूनों के विश्लेषण किए गए हैं. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि किसानों की भूमि का परीक्षण करके उनको खेती के लिए सही जानकारी दी जाए ताकि किसान अधिक से अधिक उपज ले सकें. साइल हेल्थ कार्ड की विशेषताएं • इसका स्कीम का मकसद देश भर के सभी किसानों को कवर करना है. • यह किसानों को मृदा कार्ड के रूप में एक रिपोर्ट देता है. इस रिपोर्ट में उनकी भूमि की मिट्टी के बारे में सभी जरूरी डिटेल्स शामिल होती है. • यह किसानों को हर 3 साल में मृदा स्वास्थ्य रिपोर्ट देता है. • किसान मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं को खोजने, मिट्टी के नमूनों को ट्रैक करने और अपने मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रिंट करने के लिए मृदा स्वास्थ्य कार्ड पोर्टल पर जा सकते हैं. मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का असली काम हर किसान की मिट्टी की खास विशेषताओं को समझना और सुधार के लिए किसानों को समाधान मुहैया कराना है.
सॉइल हेल्थ कार्ड की विशेषताएं 1. कृषि विभाग के अधिकारी हर 3 साल पर खेत की मिट्टी की जांच करते हैं और उसकी रिपोर्ट किसानों को देते हैं. इस रिपोर्ट से पता चलता है कि मिट्टी में कौन सी फसल उगानी है. यानी मिट्टी के मुताबिक कैसी फसल उगाएं जिससे अच्छी उपज मिलेगी. 2. इस स्कीम के जरिये मिट्टी की रेगुलर मॉनिटरिंग होती है जिससे किसानों को अपडेट डाटा मिलता है. इसलिए अगर मिट्टी की सेहत बिगड़ती है या उसमें किसी तरह का बदलाव आता है तो इसकी जानकारी रिपोर्ट के जरिये किसानों को पहले मिल जाएगी. वे रिपोर्ट के आधार पर मिट्टी की सुधारने का काम शुरू कर देंगे. 3. इस स्कीम के माध्यम से सरकार कृषि विभाग में एक्सपर्ट रखती है जो किसानों को उनकी मिट्टी की हेल्थ रिपोर्ट के आधार पर सलाह देते हैं. एक्सपर्ट बताते हैं कि मिट्टी में किस तरह की फसल उगाएं ताकि अच्छा उत्पादन मिल सके. 4. इस रिपोर्ट के जरिये किसानों को मिट्टी में पोषक तत्वों की पूरी जानकारी मिल जाती है. इसमें पता चलता है कि मिट्टी में कौन सा तत्व कम है और कौन सा ज्यादा. इसे लेकर किसानों को सलाह दी जाती है कि वे पोषक तत्वों का बैलेंस बनाने के लिए क्या उपाय कर सकते हैं.