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बिहार में "शुष्क बागवानी योजना" में किसानों को मिलेगा फलों की खेती पर अनुदान

10 Aug, 2022 05:07 PM

फलों की खेती में किसान एक बार पौधा लगाकर कई वर्षों तक इससे आय प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए बागवानी के महत्व को देखते हुए राज्य सरकारों के द्वारा नई-नई योजनाएँ शुरू की जा रही हैं.

FasalKranti
समाचार, [10 Aug, 2022 05:07 PM]

देश में किसानों की आय दोगुनी करने के लिए सरकार द्वारा बागवानी फसलों की खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। बागवानी फसलों से किसान कम भूमि में अच्छा मुनाफ़ा कमा सकते हैं। जिसमें फलों की खेती में किसान एक बार पौधा लगाकर कई वर्षों तक इससे आय प्राप्त कर सकते हैं। इसलिए बागवानी के महत्व को देखते हुए राज्य सरकारों के द्वारा नई-नई योजनाएँ शुरू की जा रही हैं, जिसके तहत प्रोत्साहन स्वरूप किसानों को अनुदान भी दिया जाता है। ऐसी ही एक योजना बिहार सरकार ने शुरू करने का फैसला लिया है जिसके तहत सरकार ने बजट का भी आवंटन कर दिया है। बिहार सरकार बागवानी के लिए सात निश्चय-2 के तहत सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना शुरू करने जा रही है। योजना के तहत उन फलदार पेड़ों को प्राथमिकता दी जाएगी जो कम पानी में भी अच्छा उत्पादन देते हैं। किसान योजना के तहत इन पौधों को अपने खेतों की मेड़ों पर भी लगा सकते हैं जिससे किसानों को अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त होगी।




आपकों बता दें कि बिहार सरकार ने सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना के लिए 292.23 लाख रुपए की लागत पर 3 वर्षों हेतु स्वीकृति प्रदान की है। राज्य ने पिछले वर्ष इस योजना के तहत 566 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बागवानी का विस्तार किया था। जिसे बढ़ाकर इस वर्ष योजना के अंतर्गत 875 हेक्टेयर क्षेत्र का विस्तार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस योजना के अंतर्गत किसान फलदार पौधे हेतु अधिकतम 4 हेक्टेयर तथा न्यूनतम 0.1 हेक्टेयर के लिए आवेदन कर सकते हैं। योजना का कार्यान्वयन किसान अपने खेतों के मेड़ पर भी करवा सकते हैं।



इस योजना का लाभ उन किसानों को देय होगा, जो अनिवार्य रूप से ड्रिप सिंचाई संस्थापित किए हों अथवा जिनके द्वारा ड्रिप सिंचाई का संस्थापन का कार्य कराया जा रहा हो। फल पौधों के बीच ख़ाली जगह के लिए इच्छानुसार 7500 सब्जी पौधा प्रति हेक्टेयर एकीकृत उद्यान विकास योजना से किसानों की माँग अनुरूप उपलब्ध कराए जाएँगे। शुष्क बागवानी के फल पौधों के बढ़ने के पूर्व किसान सब्जी पौधों से आमदनी प्राप्त कर लाभ उठा सकते हैं। किसानों को कितना अनुदान दिया जाएगा? सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना के तहत कम पानी में होने वाले शुष्क फलों हेतु 0.60 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर तीन वार्षिक किस्तों में लागत और रोपण सामग्री के मद में होने वाले व्यय को पूरा करने के लिए लिए दिया जाएगा। जो अधिकतम 0.30 लाख रूपये प्रति हेक्टेयर अथवा लागत का 50 प्रतिशत अनुदान जो भी कम हो दिए जाने का प्रावधान योजना के तहत किया गया है।



शुष्क बागवानी योजना का क्रियान्वयन राज्य के सभी 38 ज़िलों में किया जाएगा। योजना के तहत ज़िलेवार योजना संचालन हेतु 2400 किसानों को सेंटर ऑफ़ एक्सेलेंस द्वारा प्रशिक्षण भी दिया जायेगा। आवेदन के जाँच के उपरांत सभी शर्तों को पूरा करने वाले किसानों को सेंटर ऑफ़ एक्सेलेंस, देसरी, वैशाली से फल पौध यथा आँवला, बेर, जामुन, कटहल, बेल अनार, नींबू, एवं मीठा नींबू आदि कृषकों को उपलब्ध कराया जाएगा। किसान अपनी इच्छा अनुसार फल पौध का चयन करने के लिए स्वतंत्र होंगे। फल पौध के अनुदान की राशि योजना की राशि से काटकर सेंटर ऑफ़ ऑफ़ एक्सेलेंस, देसरी, वैशाली को उपलब्ध करा दी जाएगी। ड्रिप एवं नलकूप खनन के लिए भी दिया जाएगा अनुदान Subsidy सात निश्चय-2 के तहत सूक्ष्म सिंचाई आधारित शुष्क बागवानी योजना के तहत किसानों को ड्रिप लगाना जरुरी है। जिन किसानों ने पहले से ड्रिप लगाए हैं उन्हें दुबारा ड्रिप लगाने की जरूरत नहीं है। जो प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना अंतर्गत अनुदानित दर पर किया जाएगा एवं किसानों के आवश्यकतानुसार सामुदायिक नलकूप का भी अधिष्ठापन किया जाएगा, जो राज्य स्कीम मद से संचालित सामुदायिक नलकूप योजना अंतर्गत 100 प्रतिशत अनुदान से प्रति पूरित किया जाएगा। सामुदायिक नलकूप योजना का लाभ समूह में योजना लेने वाले किसानों को ही दिया जाएगा।


Tags : Farmers will get subsidy on cultivation of fruits under "Dry Horticulture Scheme" in

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