उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद का प्रसिद्ध दशहरी आम (Dasheri Aam) पहली बार सीधे दुबई को निर्यात किया गया है। इस निर्यात के लिए किसानों को 211 रुपये प्रति किलोग्राम का भाव मिला, जो घरेलू बाजार की तुलना में काफी अधिक है। यह उपलब्धि न केवल भारतीय कृषि क्षेत्र के लिए गर्व का विषय है, बल्कि यह सरकार की किसान-हितैषी नीतियों और निर्यात को बढ़ावा देने के प्रयासों का परिणाम भी है। इसके साथ ही, यह घटना देश के किसानों को वैश्विक बाजार से सीधे जुड़ने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करती है।
दशहरी आम का दुबई निर्यात: महत्व एवं सरकारी पहल
भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक देश है, जहां उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, गुजरात और कर्नाटक प्रमुख आम उत्पादक राज्य हैं। मलिहाबाद का दशहरी आम अपनी मिठास और सुगंध के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध है। हालांकि, अब तक इस आम का अधिकांश निर्यात मध्यस्थों के माध्यम से होता था, जिससे किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल पाता था।
इस बार, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार की पहल के तहत, कृषि निर्यात नीति 2018 और "एक जिला-एक उत्पाद" (ODOP) योजना के माध्यम से दशहरी आम को सीधे दुबई भेजा गया। इसके लिए APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) ने किसानों को वैश्विक गुणवत्ता मानकों के अनुरूप आम की पैकिंग और प्रसंस्करण में मदद की।
सरकारी पहलें जिन्होंने निर्यात को बढ़ावा दिया:
भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि निर्यात का योगदान
कृषि निर्यात भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत ने कृषि और संबद्ध उत्पादों का 53.1 अरब डॉलर का निर्यात किया, जिसमें चावल, मसाले, बासमती, चाय और फल-सब्जियां प्रमुख हैं। दशहरी आम (Dasheri Aam) का दुबई निर्यात इस दिशा में एक नया मील का पत्थर साबित हो सकता है।
कृषि निर्यात से होने वाले लाभ:
कैसे कर सकते हैं किसान अपनी फसल सीधे दुबई और अन्य देशों को निर्यात?
यदि कोई किसान अपनी उपज सीधे विदेशों में निर्यात करना चाहता है, तो उसे निम्नलिखित चरणों का पालन करना होगा:
विदेशी बाजार में उत्पाद की गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों (जैसे EU, USDA, ग्लोबल GAP) का पालन करना आवश्यक है।
कृषि निर्यात के लिए APEDA में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। इसके अलावा, FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) का लाइसेंस भी जरूरी है।
किसान चाहें तो सीधे निर्यातक कंपनियों से संपर्क कर सकते हैं या कृषि निर्यात संघ (Agriculture Exporters Association) की सदस्यता ले सकते हैं।
निर्यात के लिए उत्पाद की पैकिंग अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार होनी चाहिए। कोल्ड स्टोरेज और रेफ्रिजरेटेड ट्रांसपोर्ट की सुविधा का उपयोग करें।
भारत सरकार की ट्रांसपोर्ट और मार्केटिंग सब्सिडी योजना (Transport and Marketing Assistance Scheme - TMA) के तहत निर्यातकों को वित्तीय सहायता मिलती है।
दशहरी आम का दुबई निर्यात भारतीय कृषि के लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है। यह न केवल किसानों की आय बढ़ाने में मदद करेगा, बल्कि भारत को वैश्विक कृषि निर्यात में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करेगा। सरकार की नीतियों और किसानों की मेहनत के बल पर भारत अब "फार्म टू फोरेन" के मॉडल को साकार कर रहा है। यदि अधिक से अधिक किसान सीधे निर्यात की प्रक्रिया से जुड़ें, तो भारतीय कृषि का भविष्य और भी उज्ज्वल होगा।
इस दिशा में सरकार, निर्यात संगठनों और किसानों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है ताकि "आत्मनिर्भर भारत" और "किसान समृद्धि" के सपने को साकार किया जा सके।