भारत की गर्मियों की धूप चाहे जितनी तेज हो, लेकिन जब बात आम की आती है, तो हर कोई एक खास नाम का इंतजार करता है — दशहरी। यह सिर्फ एक आम नहीं, बल्कि एक भावना है, एक विरासत है, और बिना किसी शक के "आमों का राजा" है। इसका स्वाद इतना यादगार है कि यह "स्वाद का अमरत्व" सचमुच महसूस कराता है। आइए, इस राजा के बारे में विस्तार से जानते हैं।
दशहरी आम (Dasheri Mango) उत्तर प्रदेश के मलिहाबाद क्षेत्र की देन है। कहा जाता है कि लगभग 200 साल पहले मलिहाबाद के एक गाँव में एक पुराने आम के पेड़ से इसकी शुरुआत हुई थी। आज यह भारत के सबसे लोकप्रिय आमों में से एक है। इसकी पहचान इसके लंबे, हल्के पीले-हरे रंग और मिठास से भरी हुई गुठली-रहित गूदेदार texture से होती है।
दशहरी आम का मौसम गर्मियों की शुरुआत के साथ आता है। Dasheri Mango Season आम तौर पर, मई से जुलाई तक इसकी बहार रहती है। इस दौरान बाजारों में दशहरी आम की खुशबू और रंगत छा जाती है। इसकी फसल की कटाई
जून के महीने में चरम पर होती है, और तब तक लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं।
Dasheri Mango in English अंग्रेजी में इसे "Dasheri Mango" ही कहा जाता है। यह नाम अपने मूल नाम के साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचाना जाता है। कुछ लोग इसे "Malihabad Dasheri" के नाम से भी जानते हैं, जो इसके geographical indication (GI) tag का हिस्सा है।
दशहरी आम सिर्फ कच्चा खाने के लिए ही नहीं, बल्कि इससे कई तरह के व्यंजन भी बनाए जाते हैं:
दशहरी आम (dasheri aam) सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति का एक अटूट हिस्सा है। यह गर्मियों की यादें, बचपन के दिन और परिवार के साथ बिताए पलों की निशानी है। इसकी popularity इतनी है कि इसने Geographical Indication (GI) tag हासिल किया है, जो इसकी authenticity और quality को प्रमाणित करता है।
दशहरी आम ने अपने स्वाद, महक और इतिहास के दम पर लोगों के दिलों में जो जगह बनाई है, वही इसे "आमों का राजा" बनाती है। यह सिर्फ एक फल नहीं, बल्कि गर्मियों का एहसास, मिठास का जश्न और प्रकृति का एक तोहफा है। इसके एक टुकड़े में पूरी गर्मी का स्वाद समाया हुआ है — वास्तव में, स्वाद का अमरत्व।