उन्होंने जिला प्रबंधक, एसएफसी को निर्देश दिया कि किसी भी परिस्थिति में वितरण समाप्ति के एक सप्ताह पूर्व तक खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित हो जानी चाहिए। अगस्त के खाद्यान्न का वितरण निर्धारित अविध तक पीडीएस विक्रेताओं को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
कोरोना काल में पीएमजीकेवाई और एनएफएसए के तहत लाभुकों को खाद्यान्न की उपलब्धता सुनिश्चित कराने के लिए सभी एमओ तथा सहायक गोदाम प्रबंधक को निर्देश दिया। उन्होंने कहा, पंचायतों का जो रोस्टर बना है उसके अनुरूप सबको खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने निर्धारित प्रतिशत के अनुरूप पीडीएस दुकानों का निरीक्षण करने को कहा। निर्धारित मात्ना एवं निर्धारित दर पर खाद्यान्न उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए। यह भी निर्देश दिया कि खाद्यान्न उठाव के बाद वितरण करने में विलंब नहीं हो।
लाभुकों को निर्धारित खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए एसडीओ एवं जिला आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया। सभी दुकानों पर खाद्यान्न की कीमत, मात्ना आदि संबंधित डिस्प्ले लगवाने को कहा। जिला आपूर्ति पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि जुलाई का खाद्यान्न वितरण का कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया कि जून माह में 93.33 फीसद खाद्यान्न का वितरण किया गया है।
जून में 830077 राशन कार्ड धारियों ने बायोमैट्रिक ऑथेंटिकेशन से खाद्यान्न प्राप्त किया। बोरी बेचने का आदेश वापस नहीं लेने से शिक्षकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। सोमवार को कलेक्ट्रेट कैंपस में बिहार राज्य प्रारंभिक शिक्षक संघ के बैनर तले बोरी का स्टाल लगाया गया। इस दौरान विभाग और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। संघ के जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि शिक्षक सरकार की दोहरी नीति के शिकार हो रहे हैं।