देशभर के नेताओं ने किया योग, दिया स्वस्थ जीवनशैली का संदेश
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री राजीव रंजन सिंह ने पटना स्थित खुदा बख्श ओरिएंटल पब्लिक लाइब्रेरी में अधिकारियों और योग साधकों के साथ योग किया और नागरिकों को योग अपनाकर स्वस्थ जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा दी। राज्य मंत्री प्रो. एस.पी. सिंह बघेल ने ऐतिहासिक आगरा किले में योग सत्र का नेतृत्व करते हुए कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक परंपरा में रचा-बसा जीवन दर्शन है, जो तन, मन और आत्मा को संतुलित करता है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से ही 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया गया, जिसे आज 177 से अधिक देश मना रहे हैं।
केरल के तिरुवनंतपुरम में केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने योग दिवस में भाग लेकर “स्वस्थ जीवन, समरस जीवन” का संदेश दिया।
वडोदरा में 1,200 से अधिक लोगों ने लिया भाग
वडोदरा में DAHD, आयुष मंत्रालय, गुजरात सरकार, भारतीय योग संघ और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में 1,200 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए और योग को समग्र स्वास्थ्य और पारिस्थितिक संतुलन के लिए आवश्यक बताया। इस अवसर पर पशुपालन आयुक्त डॉ. अभिजीत मित्रा, DAHD और NDDB के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। NDDB द्वारा आयोजित विशेष प्रदर्शनी में पारंपरिक एथ्नोवेटरनरी पद्धतियों और आयुर्वेद आधारित पशु देखभाल उत्पादों को प्रस्तुत किया गया, जिससे पारंपरिक भारतीय ज्ञान के सतत पशु कल्याण में महत्व को उजागर किया गया।
नई दिल्ली और देशभर में हुआ उत्साहपूर्ण आयोजन
नई दिल्ली के कृषि भवन में भी एक विशेष योग सत्र आयोजित किया गया, जिसमें DAHD की सचिव मती अल्का उपाध्याय, मत्स्य पालन विभाग के सचिव अभिलक्ष लिखी और मंत्रालय के अन्य अधिकारी शामिल हुए। सभी स्थानों पर कॉमन योगा प्रोटोकॉल सत्र आयोजित किया गया, जिसके बाद प्रधानमंत्री का लाइव संबोधन प्रसारित किया गया, जिसने सभी प्रतिभागियों को प्रेरित किया।
8,000 डेयरी समितियों और 1.38 लाख किसानों की भागीदारी
इस वर्ष 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अंतर्गत देशभर की डेयरी सहकारी समितियों (DCS) और दुग्ध उत्पादक कंपनियों (MPCs) ने भी बढ़-चढ़कर भाग लिया। लगभग 8,000 DCS और 1.38 लाख किसान योग संगम कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से शामिल हुए। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए 12,000 से अधिक पौधों का वृक्षारोपण भी किया गया।
एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य सिद्धांत को समर्पित ये आयोजन मानव, पशु और पर्यावरण के समन्वित स्वास्थ्य को केंद्र में रखते हुए भारत के योग और परंपरा के वैश्विक योगदान को मजबूती से प्रस्तुत करते हैं।