केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ पटियाला में किसानों की 'खुंद चर्चा'
10 Jun, 2025 12:39 PM
पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पटियाला के गांव खेरी गांदियाँ में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत ‘खुंद चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया,
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Emran Khan, समाचार, [10 Jun, 2025 12:39 PM]
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पंजाब कृषि विश्वविद्यालय द्वारा पटियाला के गांव खेरी गांदियाँ में ‘विकसित कृषि संकल्प अभियान’ के अंतर्गत ‘खुंद चर्चा’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान, पंजाब कृषि मंत्री सरदार गुरमीत सिंह खुड्डियान, और PAU के कुलपति डॉ. सतबीर सिंह गोसल ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के किसानों ने सक्रिय भागीदारी की और अपनी चुनौतियां साझा की।
किसानों ने मुख्य रूप से इन मुद्दों पर ध्यानाकर्षण किया:
• डीएपी की कमी: अधिकांश किसानों ने बताया कि पेडवारियों के सही समय पर डीएपी की डिलीवरी नहीं हो पा रही। • धान की बिक्री में समस्याएं: मंडियों में धान की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर बिक्री प्रक्रिया सुचारु नहीं थी। • विविध फसलों का समर्थन: मक्का, तिलहन और दलहन जैसी फसलों को बढ़ावा देने की मांग की गई, ताकि पंजाब की कृषि केवल धान-गेहूं तक सीमित न रहे।
शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की बातों को ध्यान से सुना और कहा कि PAU की DSR तकनीक (डायरेक्ट-सीडेड राइस) अत्यधिक प्रभावशाली है। उन्होंने पंजाबी किसानों की मेहनत की सराहना की और आशा जताई कि किसान अब Oilseeds और Pulses जैसी विविध फसलों की ओर भी बढ़ेंगे। साथ ही, उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार कृषि-सम्बंधित नीतियां किसानों के हित में बनाएगी।
पंजाब कृषि मंत्री सरदार गुरमीत सिंह खुड्डियान ने पराली जलाने की समस्या पर केंद्र सरकार से सहयोग की मांग की, क्योंकि इससे प्रदूषण और अग्निकांड बढ़ते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार इस दिशा में गंभीर है, लेकिन केंद्र की मदद से ही पूर्ण समाधान संभव है।
डॉ. एस.एस. गोसल (कुलपति, PAU) ने किसानों से शोध प्राथमिकताओं को वास्तविक खेतों की समस्या के आधार पर निर्धारित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि “जमीनी अनुभव वैज्ञानिक दिशा तय करने में सहायक होगा।”कार्यक्रम में डायरेक्टर जनरल, ICAR डॉ. मंगी लाल जट्ट ने “विकसित कृषि संकल्प अभियान” की महत्ता बताई, जिसका उद्देश्य किसानों को नवीनतम तकनीकों से जोड़ना है।कार्यक्रम में सक्रिय किसानों में से दोस. गुरप्रीत सिंह (गांव खेरी गांदियाँ) और स. कुलविंदर सिंह (गांव मर्दनपुर) ने अपना अनुभव साझा किया और अधिकारियों का धन्यवाद किया।
इस ‘खुंद चर्चा’ आयोजन का मुख्य उद्देश्य किसानों की समस्याओं को प्रकट करना, तकनीकी समाधानों पर विचार-विमर्श करना और सरकारी नीतियों के समायोजन में कृषि विश्वविद्यालय की भूमिका को मजबूत करना है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कृषि क्षेत्र केवल फसलों तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एक रणनीतिक बदलाव की दिशा में अग्रसर होगा।