केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने असम और राजस्थान के कृषि मंत्रियों के साथ नई दिल्ली स्थित कृषि भवन में महत्वपूर्ण बैठकें कीं। इन बैठकों में दोनों राज्यों के किसानों से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा हुई और कई ठोस निर्णय लिए गए।
असम के किसानों को मिलेगा केंद्र का पूरा सहयोग
असम के कृषि, बागवानी, पशुपालन और पशु चिकित्सा मंत्री श्री अतुल बोरा से मुलाकात के दौरान श्री चौहान ने राज्य में हाल ही में आई बाढ़ और सूखे से प्रभावित किसानों की स्थिति पर गहरी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि असम के कुछ जिले बाढ़ से जबकि कुछ सूखे से प्रभावित हुए हैं, ऐसे में केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ मिलकर किसानों को हर संभव राहत पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध है।
उन्होंने घोषणा की कि वे स्वयं जल्द ही असम का दौरा करेंगे और बाढ़ व सूखा प्रभावित क्षेत्रों में जाकर किसानों से मुलाकात करेंगे। “हम किसानों की पीड़ा को समझते हैं और उनके साथ हर आपदा में खड़े हैं,” उन्होंने कहा।
फसलों की उपयुक्त किस्में होंगी अधिसूचित
श्री बोरा द्वारा उठाए गए मुद्दे पर तत्काल कार्रवाई करते हुए श्री चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) को निर्देश दिए कि असम की जलवायु के अनुरूप राजमा, मसूर, अरहर, सूरजमुखी, चारे वाली मक्का, लहसुन और प्याज की उपयुक्त किस्मों को जल्द अधिसूचित किया जाए ताकि राज्य के किसान इनका लाभ उठा सकें।
इसके अलावा, उन्होंने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के तहत डिजिटल किसान रजिस्ट्रेशन की अनिवार्यता में छूट देने का निर्णय भी लिया, जिससे अधिक किसान बीमा योजना का लाभ उठा सकें।
जैविक मिशन को मिला एक साल का विस्तार
पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए मिशन ऑर्गेनिक वैल्यू चेन विकास योजना (MOVCD-NER) को असम में एक वर्ष का विस्तार देने की भी मंजूरी दी गई। यह निर्णय राज्य में जैविक खेती को और बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
राजस्थान में नकली बीज और खाद पर होगी सख्त कार्रवाई
राजस्थान के कृषि, बागवानी और ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा से बैठक में नकली बीज, खाद और कीटनाशकों के खिलाफ राज्य सरकार द्वारा की जा रही कार्रवाई की जानकारी दी गई। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए श्री चौहान ने कहा, “नकली बीज और खाद की समस्या को लेकर हम बेहद गंभीर हैं। इसे रोकने के लिए कानून को और कड़ा किया जा रहा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि उन्होंने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर इस समस्या के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आग्रह किया है। “किसानों के साथ किसी प्रकार की धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी,” उन्होंने स्पष्ट किया।बैठकों में केंद्रीय कृषि सचिव श्री देवेश चतुर्वेदी सहित मंत्रालय और दोनों राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
यह बैठकें सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता और कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। केंद्र सरकार किसानों के साथ हर परिस्थिति में खड़ी है और समय पर राहत, सही नीतियों व सुधारों के माध्यम से उनके हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह संकल्पित है।