Big reduction in GST: Now only 5% tax will be levied on tractors and agricultural machinery, farmers will get big relief
GST में बड़ी कटौती: ट्रैक्टर और कृषि मशीनरी पर अब लगेगा सिर्फ 5% टैक्स, किसानों को मिलेगी बड़ी राहत
04 Sep, 2025 03:31 PM
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) परिषद ने त्योहारी सीजन से पहले आम जनता और कृषि क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए टैक्स स्लैब में बड़े बदलावों की घोषणा की है।
FasalKranti
Fiza, समाचार, [04 Sep, 2025 03:31 PM]
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गुड्स एंड सर्विस टैक्स (GST) परिषद ने त्योहारी सीजन से पहले आम जनता और कृषि क्षेत्र को बड़ी राहत देते हुए टैक्स स्लैब में बड़े बदलावों की घोषणा की है। अब मौजूदा चार स्लैब के बजाय मुख्य रूप से दो ही स्लैब (5% और 18%) रहेंगे। इस फैसले का सबसे ज्यादा फायदा किसानों को होगा, क्योंकि खेती-किसानी में इस्तेमाल होने वाले ट्रैक्टरों के टायर, पार्ट्स और अहम मशीनों पर GST घटाकर 5% कर दिया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने GST काउंसिल की बैठक के बाद कहा कि यह फैसला आम आदमी, श्रम-गहन और कृषि क्षेत्र को समर्थन देने के साथ-साथ टैक्स संरचना में लंबे समय से चली आ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए लिया गया है। उन्होंने बताया कि आम आदमी के दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर लगे टैक्स की समीक्षा की गई और ज्यादातर मामलों में दरों में भारी कमी की गई है।
कृषि क्षेत्र के लिए क्या है नया?
मशीनों पर GST कमी: ट्रैक्टर, हार्वेस्टर, थ्रेशर, मिट्टी तैयार करने वाली मशीनें, चारा पैकिंग मशीन, घास बोने के उपकरण, हे मूवर, कम्पोस्टिंग मशीन और बागवानी से जुड़ी अन्य मशीनों पर अब केवल 5% जीएसटी लगेगा। पहले इन पर 12% टैक्स लगता था।
बायो-कीटनाशक सस्ते: 12 तरह के बायो-कीटनाशकों पर भी GST को 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है। इससे किसानों की लागत कम होगी और जैविक खेती को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
टायर और पार्ट्स हुए सस्ते: कृषि कार्यों में इस्तेमाल होने वाले वाहनों के टायरों पर अब सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा, जो पहले 12% था। साथ ही, इन मशीनों के पार्ट्स भी अब 5% के टैक्स स्लैब में आ गए हैं। इसका मतलब है कि मशीनों की मरम्मत और रख-रखाव अब पहले के मुकाबले कम खर्च में हो सकेगा।
किसानों को क्या मिलेगा फायदा?
इन फैसलों का सीधा लाभ किसानों को मिलेगा। कृषि उपकरणों और उनके रख-रखाव पर होने वाले खर्च में कमी आएगी, जिससे खेती की समग्र लागत कम होगी। इस कदम से दिवाली और दशहरा जैसे त्योहारों से पहले किसानों के लिए राहत का माहौल बना है और कृषि क्षेत्र को एक बड़े समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।