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BIHAR: जानें क्या है जलछाजन योजना, पटना में शुरु हुआ तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम

26 Oct, 2022 04:49 PM

बिहार सरकार की इस योजना के जरिए राज्य के कई किसानों की आमदनी में सुधार आया है. साथ ही किसानों का कहना है कि जमीन के जल स्तर में भी बढ़ोतरी आई है.

FasalKranti
Fiza, समाचार, [26 Oct, 2022 04:49 PM]
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केंद्र ओर राज्य सरकारों की ओर से किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. ताकि कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाईयों पर लेकर जाया जा सके. इस बीच बिहार की नीतीश सरकार भी किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए कृषि क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लिए लगातार अग्रसर है. बिहार सरकार किसानों की तरक्की और सिंचाई प्रबंधन के लिए जलछाजन योजना चला रही है.


बिहार के किसानों के लिए नई पहल
बिहार सरकार की इस योजना के जरिए राज्य के कई किसानों की आमदनी में सुधार आया है. साथ ही किसानों का कहना है कि जमीन के जल स्तर में भी बढ़ोतरी आई है. जिसके बाद से नीतीश सरकार ने किसानों के लिए चलाई जा रही इस योजना पर ओर भी ज्यादा फोक्स कर लिया है.


यही वजह है कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (डब्ल्यू डीसी पीएम केएसवाई 2. 0) के अंतर्गत जलछाजन सचिवों का तीन दिवसीय क्षमता संवर्द्धन प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में पटना, बेगूसराय, शेखपुरा, लखीसराय, जहानाबाद, नालंदा, अरवल, भोजपुर, भागलपुर और बक्सर जिले के परियोजना क्षेत्र के लिए चयनित 90 जलछाजन सचिवों ने भाग लिया.


इस कार्यक्रम का उद्घाटन भूमि संरक्षण- सह- मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी बेंकटेश नारायण सिंह ने किया. कार्यक्रम दौरान उन्होंने जलछाजन प्रबंधन के बारे में महत्तवपूर्ण जानकारी सांझा की गई. इस मौके पर सिंह ने बताया कि जलछाजन सचिव का चयन परियोजना अवधि के लिए जिला स्तर पर किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य कार्यान्वित जलछाजन योजना को जन-जन तक पहुंचाना है, ताकि वर्षा जल का उपयोग फसल उत्पादन के लिये सही ढंग से किया जा सके.



क्या है जलछाजन योजना
आपको बता दें कि जल को संरक्षित करने का एक तरीका है जिसे जलछाजन कहा जाता है. इसके तहत बारिश के पानी को संचित करने के लिए तालाब, बावड़ी और डोभा का निर्माण किया जाता है. वहीं, कई राज्यों में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 के तहत जलछाजन विकास योजना को धरातल पर उतारने की तैयारी तेजी से की जा रही है. इस योजना से किसानों आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है. वे अब सिंचाई के लिए बारिश पर निर्भर नहीं हैं.


जानें क्या है जलछाजन योजना का लाभ
जलछाजन योजना बिहार ही नहीं झारखंड समेत कई राज्यों में चलाई जा रही है. नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड) ने पिछले साल झारखंड में जलछाजन योजना के लिए 300 करोड़ रुपये दिए थे. यह राशि राज्य सरकार को ऋण के रूप में दी गई थी. इस राशि से पूरे राज्य में 29 यूनिट जल छाजन परियोजनाओं का क्रियान्वयन हुआ. इस परियोजना के तहत टीसीबी बनाए जाते हैं. कई जगहों पर वैट और मेड़बंदी का निर्माण भी किया जाता है. जलछाजन योजना के तहत झारखंड के सिमडेगा और पाकरटांड़ प्रखंड के गांवों में जल संरक्षण के लिए कई काम किए गए हैं. इससे इन प्रखंडों में लगभग 625 हेक्टेयर जमीन पर वाटर लेवल ऊपर आ गया है.



Tags : agriculture news |

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