बिहार के औरंगाबाद जिले में 102 आंगनबाडी केंद्रों को माडल केंद्र बनाया जा रहा है। 12 माडल आंगबाडी केंद्र बनकर तैयार हो गया है। तैयार हुए सभी 12 माडल आंगनबाडी केंद्रों का उद्घाटन अधिकारियों के द्वारा किया गया। डीएम सौरभ जोरवाल ने मदनपुर प्रखंड के पिपरौरा पंचायत के पिपरौरा गांव में विशेष केंद्रीय सहायता योजना से निर्मित माडल आंगनबाडी केंद्र का उद्घाटन किया।
डीडीसी अंशुल कुमार, जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ममता रानी एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। उद्घाटन के बाद डीएम ने केंद्र के बच्चों से बात की। उन्हें केंद्र के माध्यम से मिलने वाली सामिग्रयों एवं भोजन की जानकारी ली। आंगनबाडी सेविका लीलावती देवी एवं सहायिका चंचला देवी के द्वारा बनाया गया पोस्टिक लड्डू को डीएम एवं डीडीसी के द्वारा बच्चों के बीच वितरण किया गया। बच्चों के बीच कॉपी एवं कलर का वितरण भी किया गया। आंगनबाडी केंद्र परिसर में पौधारोपण किया। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी को निर्देश दिया कि यह सुनिश्चित कराया जाए कि सरकार से मिलने वाली सभी सामिग्रयां केंद्र के बच्चों को मिले।
सेविका को निर्देश दिया कि कोविड का गाइडलाइन का पालन करते हुए केंद्र का संचालन करें। डीएम ने बताया कि जिले के विभिन्न प्रखंडों में कुल 102 आंगनबाडी केंद्रों को माडल बनाया जा रहा है। बताया कि सीएसआर के तहत 55, केंद्र सरकार की विशेष केंद्रीय सहायता योजना के तहत 16, आइसीडीएस एवं मनरेगा के तहत 31 आंगनबाडी केंद्र को माडल केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। डीडीसी ने बताया कि वर्तमान समय में निर्मित सभी माडल आंगनबाडी केंद्र के आस पास पोषण वाटिका का निर्माण एवं पौधारोपण भी कराया जा रहा है। कोविड को ध्यान में रखते हुए सभी आंगनबाडी केंद्र पर साफ -सफाई का विशेष ध्यान देने का निर्देश दिया गया है। सभी लोगों को टीकाकरण, मास्क एवं शारीरिक दूरी बनाए रखने के बारे में बताया गया है। जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया कि सभी निर्मित माडल आंगनबाडी केंद्रों में रसोईघर, शौचालय, प्रसूति के लिए जांच स्थल एवं बच्चों के समझ हेतु दीवार लेखन का कार्य किया गया है।
उन्होंने कहा कि 2024 तक गरीबों को पोषण युक्त चावल मुहैया कराए जाएंगे। केंद्र सरकार अब खाद्य सुरक्षा से पोषण सुरक्षा की ओर बढ़ रही है। इस योजना के तहत एक क्विंटल चावल में 20 प्रतिशत मोडिफाई चावल मिल कर वितरित किए जाएंगे। जिसमें विटामिन, मिनरलस आदि उपलब्ध होंगे। बिहार के 28 जिलों में 50 हजार मीट्रिक टन क्षमता वाले साइलो गोदाम बनाए जाएंगे। इसके लिए भागलपुर में भी जगह चिह्नित किया जा रहा है। भागलपुर में 5 लाख 82 हजार 905 परिवार का राशन कार्ड बना है। जिला आपूर्ति पदाधिकारी को निर्देश दिया गया है कि जिनका भी राशन कार्ड नहीं बन पाया है, युद्धस्तर पर उनका राशन कार्ड बनवाएं।