देशभर में महिलाओं, बच्चों और परिवारों के समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 17 सितंबर से 2 अक्टूबर 2025 तक चलाया गया “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” (Swasth Nari Sashakt Parivar) अभियान अब सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। इस दो सप्ताह से अधिक चले अभियान ने देश में स्वास्थ्य सेवाओं की अब तक की सबसे बड़ी पहुंच सुनिश्चित की, जिसमें 18 लाख से अधिक स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से लगभग 10 करोड़ नागरिकों ने भागीदारी की और 6.5 करोड़ से अधिक महिलाओं को सीधा लाभ मिला।
अभियान के अंतर्गत आयोजित शिविरों में सामान्य जांचों के साथ-साथ विशेष स्वास्थ्य सेवाएं भी दी गईं। अभियान की प्रमुख उपलब्धियों में उच्च रक्तचाप (Hypertension) और मधुमेह (Diabetes) की जांच में उल्लेखनीय प्रगति दर्ज की गई, जहां 1.78 करोड़ नागरिकों की रक्तचाप और 1.72 करोड़ नागरिकों की मधुमेह जांच की गई।
महिलाओं के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए, 37 लाख से अधिक महिलाओं की स्तन कैंसर, 19 लाख से अधिक की गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और 96 लाख से अधिक लोगों की मुख कैंसर की जांच की गई। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अभियान के उल्लेखनीय परिणाम सामने आए हैं। इस दौरान 62.60 लाख से अधिक प्रसव पूर्व जांच (Antenatal Check-ups) की गईं, जबकि 1.43 करोड़ से अधिक बच्चों को जीवनरक्षक टीके लगाए गए।
एनीमिया (रक्ताल्पता) से निपटने के लिए भी अभियान ने व्यापक स्तर पर कार्य किया, जिसके तहत 1.51 करोड़ से अधिक लोगों की एनीमिया जांच की गई और 1.16 करोड़ नागरिकों तक पोषण परामर्श सत्रों के माध्यम से जागरूकता पहुंचाई गई। इसके अलावा, 85 लाख नागरिकों की टीबी (क्षयरोग) और 10.23 लाख की सिकल सेल रोग की जांच की गई। अभियान के दौरान 2.68 लाख निश्चय मित्र (Ni-kshay Mitras) भी पंजीकृत किए गए, जो टीबी उन्मूलन में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
स्वस्थ भारत के निर्माण की दिशा में, इस अभियान ने 4.30 लाख से अधिक रक्तदाताओं का पंजीकरण किया और 10.69 लाख से अधिक नागरिकों को आयुष्मान भारत/पीएम-जय कार्ड भी जारी किए गए।
इस अभियान में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के अलावा एम्स (AIIMS), राष्ट्रीय महत्व के संस्थान (INIs), तृतीयक देखभाल अस्पताल, आयुष्मान आरोग्य मंदिर, चिकित्सा महाविद्यालयों और निजी संस्थानों ने भी सक्रिय भागीदारी निभाई। इन संस्थानों ने विशेष शिविरों का आयोजन कर उन्नत स्क्रीनिंग, डायग्नोस्टिक, काउंसलिंग और उपचार सेवाएँ प्रदान कीं।
“स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अभियान को स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संयुक्त रूप से संचालित किया गया। इस पहल ने न केवल गैर-संचारी रोगों (NCDs) की स्क्रीनिंग, शीघ्र पहचान और उपचार को मजबूत किया, बल्कि मातृ, शिशु और किशोर स्वास्थ्य, पोषण, मासिक धर्म स्वच्छता, मानसिक स्वास्थ्य, जीवनशैली सुधार और मोटापे की रोकथाम जैसे विषयों पर भी जन-जागरूकता बढ़ाई।
इसके साथ ही अभियान ने स्वस्थ जीवनशैली अपनाने, संतुलित आहार, और स्वैच्छिक रक्तदान को जनआंदोलन का रूप दिया।
यह अभियान भारत सरकार के उस संकल्प का प्रतीक है, जिसके तहत हर महिला के स्वास्थ्य को परिवार की शक्ति और राष्ट्र के विकास की नींव माना गया है। “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार” अब भारत के स्वास्थ्य इतिहास में एक ऐतिहासिक जनआंदोलन के रूप में दर्ज हो चुका है।