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ग्रामीण महिलाओं के लिए AI तकनीक वाला ड्रोन लाईं सलाम किसान की फाउंडर- सीईओ धनश्री मानधानी

08 Mar, 2025 03:37 PM

आजादी के इन 75 सालों के बीच भारत में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ी हैं। खासतौर पर कृषि की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर कॉर्पोरेट इंडस्ट्री हर जगह आज महिलाओं का बोलबाला हैं।

FasalKranti
Fiza, समाचार, [08 Mar, 2025 03:37 PM]
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आजादी के इन 75 सालों के बीच भारत में महिलाओं की भागीदारी हर क्षेत्र में बढ़ी हैं। खासतौर पर कृषि की बात करें तो ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर कॉर्पोरेट इंडस्ट्री हर जगह आज महिलाओं का बोलबाला हैं। महिलाओं की बढ़ती इसी कामयाबी को देखते हुए फसल क्रांति ‘अंतराष्ट्रीय महिला दिवस’ पर लेकर आया है कृषि क्षेत्र में तकनीक को बुलंद करने वाली एक ऐसी महिला की कहानी जो ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए बन रही है, मिसाल... पेश हैं, सलाम किसान की फाउंडर और सीईओ धनश्री मानधानी से बीतचीत के प्रमुख अंश.....


1. सलाम किसान की शुरुआत कैसे हुई?
सलाम किसान की स्थापना भारतीय कृषिको आधुनिक तकनीक से जोड़ने और किसानों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से की गई थी। एक बिज़नेस-ओरिएंट्टेड परिवार से आने के कारण, मुझे हमेशा इनोवेशन और समस्या-समाधान में रुचिथी। यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉइस अर्बाना-शैंपेन (UIUC) में अपनी पढ़ाई के दौरान, मैंने वैश्विक कृषिमॉडलों का अध्ययन किया और यह महसूस किया किभारत के लिए सटीक खेती (Precision Farming) अत्यधिक फायदेमंद हो सकती है। किसानों की चुनौतियों को समझते हुए, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में, मुझे एक ऐसा प्लेटफॉर्मबनाने की प्रेरणा मिली, जो उन्हें आधुनिक तकनीकी समाधान, वित्तीय सुरक्षा और सतत कृषितकनीकों तक पहुंच प्रदान कर सके। यही सोच सलाम किसान को एक मल्टी-स्टैक प्रिसीजन फार्मिंग प्लेटफॉर्मके रूप में स्थापित करने की प्रेरणा बनी।
आज सलाम किसान किसानों को सशक्त बनाने और कृषिमें तकनीकी बदलाव लाने की दिशा में महत्वपूर्णभूमिका निभा रहा है। वर्ल्डइकोनॉमिक फोरम 2025, दावोस में महाराष्ट्र सरकार और माइक्रोसॉफ्ट के साथ एक ऐतिहासिक MoU साइन किया गया, जिसका उद्देश्य कृषिमें ड्रोन तकनीक को सुलभ बनाना और किसानों को डेटा-संचालित खेती के लाभों से जोड़ना है। महाराष्ट्र सरकार के साथ इस साझेदारी के तहत ड्रोन प्रशिक्षण, इनोवेशन हब और सटीक कृषिसमाधानों को बढ़ावा दिया जा रहा है।



2. इस वैंचर को शुरु करने का आइडिया आपके पास कहां से आया ?

मुझे बचपन से ही ग्रामीण भारत और किसानों की समस्याओं को करीब से देखने का मौका मिला। मैं महाराष्ट्र के जालना जिले में पली-बढ़ी हूँ, जहां मैंने किसानों की कठिनाइयों को प्रत्यक्ष रूप से अनुभव किया—बढ़ती लागत, मौसम की अनिश्चितता और आधुनिक तकनीकों की अनुपलब्धता।
अपनी पढ़ाई के दौरान, मैंने देखा किविकसित देशों में कृषिमें AI, ड्रोन और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग करके उत्पादन और संसाधनों की लागत को अनुकूलित किया जा रहा है। मुझे यह समझ में आया कियदिइस तरह के नवाचार भारतीय कृषिपारिस्थितिकी तंत्र (Agri Ecosystem) के अनुसार अनुकूलित किए जाएं, तो यह खेती के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। किसानों को सशक्त बनाने और समाज को कुछ लौटाने की मेरी प्रेरणा ने मुझे सलाम किसान की नींव रखने के लिए प्रेरित किया।


3. ड्रोन तकनीक को गांव की हर महिला तक पहुंचाने के लिए सलाम किसान कैसे काम कर रही है ?
→ सलाम किसान ड्रोन तकनीक को ग्रामीण महिलाओं तक पहुँचाने के लिए प्रतिबद्ध है और इसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है। हमने महाराष्ट्र की पहली महिला ड्रोन पायलट को ड्रोन दीदी पहल के तहत प्रशिक्षित किया—लिंता शेलके, जो भारत की दूसरी महिला ड्रोन पायलट बनीं। यह पहल केवल एक महिला को प्रशिक्षित करने तक सीमित नहीं थी, बल्किइसका उद्देश्य महिला-नेतृत्व वाले एग्री-टेक व्यवसायों को बढ़ावा देना और एक स्थायी उद्यमिता मॉडल स्थापित करना था।

सलाम किसान में महिलाओं की भागीदारी केवल ड्रोन संचालन तक ही सीमित नहीं है, बल्किहमारी ऑपरेशंस और सेंट्रल टीम में भी महिलाओं की महत्वपूर्णभूमिका है। वे ड्रोन ऑपरेशन्स, प्रिसीजन एग्रीकल्चर कार्यक्रमों और बड़े पैमाने पर परियोजनाओं का नेतृत्व कर रही हैं। हमारा Drone-as-a-Service (DaaS) मॉडल महिलाओं को प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता और गारंटीकृत व्यवसाय के अवसर प्रदान करता है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें।
सरकार की NAMO Drone Didi योजना और महाराष्ट्र सरकार के साथ हमारी साझेदारी (GoM - Davos MoU) के माध्यम से, हम सुनिश्चित कर रहे हैं किमहिलाएं ड्रोन तकनीक को केवल एक सेवा के रूप में न देखें, बल्किइसे एक स्थायी व्यवसाय के रूप में अपनाएं। अब तक 95,000 एकड़भूमिपर ड्रोन स्प्रे किया गया है, जिससे 12,80,000 लीटर पानी की बचत हुई है। 200,000 से अधिक किसान सलाम किसान के साथ जुड़े हैं, और हम लगातार इस तकनीक को और अधिक किसानों तक पहुंचाने के लिए प्रयासरत हैं।

हमारा Drone-as-a-Service (DaaS) मॉडल ग्रामीण महिलाओं को संरचित वित्तपोषण (Structured Financing), प्रमाणित प्रशिक्षण (Certified Training), और गारंटीकृत व्यवसाय के अवसर प्रदान करता है, जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकें। सरकार की NAMO Drone Didi जैसी योजनाओं के साथ साझेदारी करके, हम सुनिश्चित कर रहे हैं किअधिक से अधिक महिलाओं को सब्सिडी ड्रोन और प्रशिक्षण कार्यक्रमों तक पहुँच मिले और वे इसे सिर्फएक तकनीक नहीं, बल्किएक स्थायी व्यवसाय के रूप में अपनाएं।


4. कृषि क्षेत्र में महिलाओ की भूमिका को लेकर आपकी क्या राय है ?
→ भारतीय कृषिमें महिलाएँ हमेशा से कृषिकार्योंका अहम हिस्सा रही हैं, लेकिन उनका योगदान अक्सर अनदेखा रह जाता है। वे न केवल खेतों में श्रम करती हैं, बल्किखेती से जुड़े कई महत्वपूर्णनिर्णय लेने की प्रक्रिया में भी शामिल होती हैं। हालांकि, तकनीकी-आधारित कृषिमें उनकी भागीदारी अभी भी सीमित है, जिसका मुख्य कारण उचित संसाधनों की कमी, वित्तीय सहायता की अनुपलब्धता और जागरूकता की कमी है।
सलाम किसान इस स्थितिको बदलने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। हमारी ड्रोन ट्रेनिंग पहल, विशेष रूप से लिंता शेलके जैसी महिला पायलटों के नेतृत्व में, साबित कर रही है किग्रामीण महिलाएँ भी एग्री-टेक क्रांतिमें अग्रणी भूमिका निभा सकती हैं। हमारा Drone-as-a-Service (DaaS) मॉडल महिलाओं को खेती के पारंपरिक तरीकों से बाहर निकलकर, आधुनिक कृषिसेवा प्रदाता (Agri-Service Provider) और उद्यमी (Entrepreneurs) बनने का अवसर प्रदान कर रहा है।


Tags : AI technology for rural women | Founder and CEO Dhanashree | Dhanashree Mandhani |

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