केंद्रीय गृह मंत्री एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने हरियाणा के कुरुक्षेत्र में नए आपराधिक कानूनों पर आधारित राज्यस्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा सरकार की लगभग 900 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास भी किया। इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय गृह सचिव श्री गोविंद मोहन सहित अनेक गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
अमित शाह ने कहा कि हरियाणा की जनता ने लगातार तीसरी बार भाजपा सरकार को बहुमत देकर राज्य के विकास को नई दिशा दी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हरियाणा के विकास में कोई कसर नहीं छोड़ी। यह पहली बार है जब हरियाणा सरकार ने संकुचित सोच से मुक्त होकर प्रत्येक जिले और समुदाय के लिए समान रूप से शासन देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि एक समय हरियाणा नौकरी में पक्षपात के लिए बदनाम था, लेकिन आज "पर्ची" और "खर्ची" के बिना केवल योग्यता के आधार पर नौकरियां दी जा रही हैं, जो हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धि है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां नए आपराधिक कानूनों – भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम – की जानकारी देने के लिए एक भव्य प्रदर्शनी आयोजित की गई है। ये तीनों कानून ब्रिटिश कालीन कानूनों को समाप्त कर भारत की न्याय प्रणाली को स्वतंत्र और न्यायोन्मुखी बनाने का कार्य करते हैं।
उन्होंने बताया कि पहले के कानून अंग्रेजों द्वारा शासन चलाने के लिए बनाए गए थे, लेकिन अब मोदी सरकार ने न्याय सुनिश्चित करने वाले कानून लागू किए हैं, जो देश के सबसे गरीब नागरिकों तक को संविधान प्रदत्त अधिकारों की सुरक्षा प्रदान करते हैं।
श्री शाह ने बताया कि नए कानूनों के लागू होने से हरियाणा में दोषसिद्धि दर (Conviction Rate) 40% से बढ़कर 80% से अधिक हो गई है, जो न्याय प्रणाली में पारदर्शिता और प्रभावशीलता का संकेत है। उन्होंने कहा कि अब पुलिस डेटा और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर काम कर रही है, थर्ड डिग्री की जगह फॉरेंसिक साक्ष्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए तीन मूल सिद्धांत – Citizen First, Dignity First, और Justice First – इन नए कानूनों की नींव हैं। उन्होंने बताया कि अब पुलिस, जेल, न्यायपालिका, अभियोजन और फॉरेंसिक जैसे न्याय प्रणाली के पांच स्तंभों को ऑनलाइन जोड़ दिया गया है, जिससे आपराधिक न्याय प्रणाली अधिक पारदर्शी और त्वरित बनी है।
श्री शाह ने कहा कि नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के लिए अलग अध्याय शामिल किया गया है। अब E-FIR और Zero FIR की सुविधा से महिलाओं को पुलिस स्टेशन जाने की आवश्यकता नहीं है। साक्ष्य की वीडियोग्राफी अनिवार्य कर दी गई है और सात वर्ष या उससे अधिक सजा वाले अपराधों में फॉरेंसिक जांच अनिवार्य की गई है।
उन्होंने बताया कि ट्रायल इन एब्सेंटिया की व्यवस्था से अब विदेश भागे अपराधियों पर भी कार्रवाई संभव होगी। साथ ही, पहली बार आतंकवाद, संगठित अपराध और मॉब लिंचिंग जैसे अपराधों को परिभाषित किया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि गृह मंत्रालय ने देशभर में 14.8 लाख पुलिसकर्मियों, 42,000 जेल अधिकारियों, 19,000 न्यायालय से जुड़े कर्मचारियों और 11,000 अभियोजकों को प्रशिक्षण दिया है, जिससे नए कानूनों का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हुआ है।
श्री शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिए गए ‘स्वदेशी संकल्प’ से भारत 2047 तक विश्व में अग्रणी राष्ट्र बनेगा। यदि 140 करोड़ भारतीय केवल देश में बने उत्पादों का उपयोग करें, तो भारत विश्व का सबसे बड़ा बाजार बन सकता है और अर्थव्यवस्था शीर्ष देशों में शामिल होगी। उन्होंने हरियाणा की जनता से अपील की कि इस दिवाली स्वदेशी उत्पादों के उपयोग का संकल्प लें और आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में योगदान दें।
इस अवसर पर शाह ने कहा कि भारत को हर क्षेत्र में विश्व का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ने का मार्ग स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भरता के संकल्प से होकर ही गुजरता है।